छत्तीसगढ़ में भाजपा का प्रदेशाध्यक्ष भी बदलने की तैयारी, ये है चार दावेदार
रायपुर. छत्तीसगढ़ में भाजपा की सरकार बनने के बाद अब पहले कैबिनेट के विस्तार की तैयारी चल रही है। कैबिनेट में कुछ पुराने के साथ नए चेहरों को भी रखने की बात सामने आ रही है। कैबिनेट के विस्तार के बाद इसी माह या फिर जनवरी के पहले सप्ताह में भाजपा संगठन में प्रदेशाध्यक्ष भी बदला जाएगा। इसके लिए चार दावेदारों के नाम सामने आ रहे हैं। अध्यक्ष के नाम को लेकर दिल्ली में मंथन भी हो चुका है। वहां से इसकी घोषणा ही बाकी है। नया अध्यक्ष बनने के बाद कार्यकारिणी में भी बदलाव होगा। वैसे भी विधानसभा चुनाव में प्रदेशाध्यक्ष के साथ ही तीन महामंत्री और तीन उपाध्यक्ष भी चुनाव जीत चुके हैं। इनके स्थान पर नए चेहरों को मौका दिया जाएगा। इसी के साथ कुछ और भी बदलाव संभव है।विधानसभा चुनाव में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष और बिलासपुर के सांसद अरुण साव काे लोरमी से टिकट दिया गया था और वे वहां से भारी मतों से जीते। चुनाव जीतने के बाद वे मुख्यमंत्री पद के भी दावेदार थे, लेकिन उनको यह पद तो नहीं मिला, लेकिन उनको डिप्टी सीएम बनाया गया है। जल्द ही उनको प्रदेशाध्यक्ष का पद छोड़ना पड़ेगा। उनके स्थान पर अब नए अध्यक्ष की तलाश प्रारंभ हो गई है। एक संभावना यह जताई जा रही है कि ओबीसी के स्थान पर ओबीसी अध्यक्ष ही रखा जाएगा।ये हैं दावेदारनए अध्यक्ष के लिए ओबीसी वर्ग से ही तीन दावेदारों के नाम चल रहे हैं। पहले नंबर पर दुर्ग के सांसद और पाटन से भूपेश बघेल के खिलाफ चुनाव लड़ने वाले विजय बघेल का नाम है। इसी के साथ पूर्व नेता प्रतिपक्ष नारायण सिंह चंदेल और विधायक अजय चंद्राकर का नाम है। सामान्य वर्ग से राजनांदगांव के सांसद संतोष पांडेय का भी नाम है। नए अध्यक्ष को लेकर दिल्ली में राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और केंद्रीय मंत्री अमित शाह के साथ प्रदेश प्रभारी ओम माथुर, सह प्रभारी नितिन नवीन, प्रदेशाध्यक्ष अरुण साव, क्षेत्रीय संगठन महामंत्री अजय जामवाल और पवन साय का मंथन भी हो चुका है। बस कैबिनेट के विस्तार का इंतजार है। इसके बाद कभी भी नए प्रदेशाध्यक्ष के नाम का भी ऐलान हो सकता है।बदले जाएंगे कई पदाधिकारीभाजपा प्रदेश संगठन के तीन महामंत्री केदार कश्यप नारायणपुर, विजय शर्मा कवर्धा और ओपी चौधरी रायगढ़ से चुनाव जीते हैं। ऐसा पहली बार हुआ जब संगठन के तीनों महामंत्री चुनाव लड़े और जीते भी। इसी के साथ प्रदेश मंत्री प्रबल प्रताप सिंह जूदेव काे कोटा से मैदान में उतारा गया लेकिन वे चुनाव हार गए। चार उपाध्यक्षों सरला काेसरिया को सरायपाली, उधेश्वरी पैकरा काे सामरी लखन देवांगन को कोरबा और मोतीलाल साहू को रायपुर ग्रामीण से चुनाव लड़ाया गया। इसमें से सरला कोसरिया को छोड़कर बाकी तीनों उपाध्यक्ष चुनाव जीते हैं। ऐसे में विधायक बनने वाले पदाधिकारियों के स्थान पर जहां नए पदाधिकारी बनाए जाएंगे, वहीं नए प्रदेशाध्यक्ष कार्यकारिणी में और भी कुछ फेरबदल कर सकते हैं। कोई भी फेरबदल सबकी सहमति के साथ केंद्रीय नेतृत्व की मंजूरी से होगा।