पाकिस्तान के चार टुकड़े कर अमर हो जाएंगे पीएम मोदी, सामना में बड़ा दावा

मुंबई: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम हमले के बाद भारत और पाकिस्तान दोनों देशों के बीच तनाव काफी बढ़ गया है। इस घटना के बाद सभी विपक्षी दलों ने केंद्र सरकार का समर्थन करते हुए सख्त कदम उठाने और पाकिस्तान को सबक सिखाने की मांग की है। इस पर पाकिस्तान को सबक सिखाने के लिए उच्च स्तरीय बैठकें, चर्चाएं और कड़े फैसले लिए जा रहे हैं।
इस बीच आज (शुक्रवार) को शिवसेना ठाकरे गुट के मुखपत्र सामना में पहलगाम हमले, सेना की तैयारियों, प्रधानमंत्री मोदी के फैसले, मौजूदा हालात और इंदिरा गांधी सरकार के दौरान हुए एक युद्ध की याद को ताजा करते हुए टिप्पणी की गई है। वहीं, सामना में कहा गया है कि प्रधानमंत्री मोदी का युद्ध अनुभव इस बार काम आएगा।
सामना के संपादकीय में कश्मीर पर चर्चा के लिए संसद का विशेष सत्र बुलाने की मांग की गई है। सामना में सवाल उठाया गया है कि सर्वदलीय बैठक में मोदी और उनके रुख को भारी समर्थन मिलने के बाद, अलग से सत्र आयोजित करके उन्हें क्या हासिल होगा? मोदी ने भारतीय सेना को पाकिस्तान को सबक सिखाने का अधिकार दे दिया है। तो फिर कश्मीर के बारे में क्या? क्या पाकिस्तान को सबक सिखाया जाएगा? विपक्ष को इतनी मूर्खता नहीं करनी चाहिए कि वह मोदी से ये सवाल पूछे। हमारी सेना सक्षम है। कहा गया है कि, “सेना की हार के बाद प्रधानमंत्री मोदी का काम शुरू होगा!”
सामना के संपादकीय में मोदी के एक बयान का हवाला देते हुए उन्होंने विश्वास जताया है कि वह पाकिस्तान को चार भागों में बांट देंगे और कहा है कि इस मामले में उन्हें अनुभव है और उनका यह अनुभव उनके काम आएगा। भारतीय सेना निष्ठा, नैतिकता, धैर्य और बहादुरी का संगम है। उस आधार पर वे किसी भी कठिन परिस्थिति का सामना कर सकते हैं। इसलिए यह अच्छी बात है कि प्रधानमंत्री मोदी ने सेना को पाकिस्तानियों से लड़ने का पूरा अधिकार दे दिया है। मोदी को खुद युद्ध के मैदान में रहने और भूमिगत काम करने का अनुभव है।
सामना में दावा किया गया है कि मोदी ने खुद खुलासा किया है कि उन्होंने बांग्लादेश की आजादी के लिए सत्याग्रह किया और इसके लिए जेल भी गए। इसका मतलब है कि मोदी को देश की आजादी के लिए वास्तविक युद्ध में भाग लेने का अनुभव है। मोदी का यह अनुभव पाकिस्तान के साथ युद्ध में काम आएगा। बांग्लादेश युद्ध के समय मोदी की उम्र 20-22 साल रही होगी। अब वे 75 साल के हो चुके हैं। यानी वे राजनीतिक संन्यास की कगार पर हैं। साथ ही वे बचे हुए पाकिस्तान को भी चार हिस्सों में बांटकर इतिहास में अमर कर देंगे। इसलिए सभी को मोदी के साथ खड़ा होना चाहिए।