भारतव्यापार जगत

भारत-अमेरिका के बीच व्यापार समझौते पर पीयूष गोयल बोले- हम बंदूक रखकर कोई सौदेबाजी नहीं करते

नई दिल्ली: भारत और अमेरिका के बीच एक महत्वपूर्ण व्यापार समझौता अगले 90 दिनों में तैयार हो सकता है। ये वो समय है जब अमेरिका ने भारत पर लगाए गए अतिरिक्त टैरिफ को अस्थायी तौर पर सस्पेंड कर दिया है। इस दौरान दोनों देशों की कोशिश है कि व्यापार को नई ऊंचाइयों तक ले जाया जाए, लेकिन साथ ही यह भी जरूरी है कि समझौता दोनों देशों के हितों को ध्यान में रखकर हो।

वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने शुक्रवार को कहा कि भारत अमेरिका के साथ प्रस्तावित द्विपक्षीय व्यापार समझौते (बीटीए) पर लगातार बातचीत कर रहा है और इस समझौते में देश और लोगों के हितों का ध्यान रखा जाएगा। उन्होंने कहा कि देश की सभी व्यापार वार्ताएं भारत प्रथम की भावना और विकसित भारत 2047 के रास्ते पर आगे बढ़ रही हैं

एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, अगर सब कुछ सही चला और यह दोनों के लिए फायदे का सौदा हुआ, तो यह अंतरिम व्यापार समझौता अगले तीन महीनों में तय हो सकता है। अमेरिका ने हाल ही में भारत से आने वाले उत्पादों पर 26 प्रतिशत का अतिरिक्त टैरिफ लगाया था, लेकिन 9 अप्रैल को इसे 90 दिनों के लिए निलंबित कर दिया गया। इस फैसले से भारत को थोड़ी राहत ज़रूर मिली है, लेकिन 10 प्रतिशत का मौजूदा बेसलाइन टैरिफ अब भी लागू रहेगा।

इसी खिड़की का इस्तेमाल करते हुए भारत और अमेरिका दोनों तेजी से बातचीत को आगे बढ़ा रहे हैं। सूत्रों की मानें तो दोनों पक्षों के बीच ‘Terms of Reference’ (ToR) पर सहमति हो चुकी है, जिससे बातचीत की दिशा और उद्देश्य तय हो चुका है। इसके तहत पहले चरण का समझौता सितंबर या अक्टूबर तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।

भारत के केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने अमेरिका की टैरिफ नीति पर तीखी प्रतिक्रिया दी और कहा कि ‘बंदूक रखकर कभी भी ईमानदारी से बातचीत नहीं हो सकती।’ उनका यह बयान बताता है कि भारत अपने हितों से समझौता नहीं करेगा और एक निष्पक्ष, संतुलित समझौते की ही बात करेगा। सरकार के अनुसार, अमेरिका के साथ कई स्तरों पर लगातार बातचीत हो रही है। वर्चुअल मीटिंग्स से लेकर संभावित फिजिकल विज़िट्स तक।

इस बातचीत का बड़ा उद्देश्य यह भी है कि वर्तमान में लगभग 191 अरब डॉलर के भारत-अमेरिका द्विपक्षीय व्यापार को 2030 तक 500 अरब डॉलर तक ले जाया जाए। इसके लिए पहले चरण में उन मुद्दों पर फोकस किया जा रहा है जिन्हें तुरंत सुलझाया जा सकता है। 90 दिन की यह टैरिफ छूट की मियाद सिर्फ एक मौका नहीं, बल्कि एक इम्तहान भी है जहां भारत को संतुलन बनाकर अपने लिए एक फायदेमंद और टिकाऊ व्यापारिक रास्ता बनाना है।

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