हमर छत्तीसगढ़

बिना अनुमोदन किया 3 लाख का भुगतान, सहायक ग्रेड-2 निलंबित…

जशपुरनगर । कलेक्टर डॉ. रवि मित्तल ने अनुविभागीय अधिकारी (रा) पत्थलगांव के सहायक ग्रेड-02 (नायब नाजिर) टीकम सिंह को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया है। टीकम सिंह द्वारा विधानसभा निर्वाचन 2023 में विभिन्न निर्वाचन व्ययों मतदान, मतगणना इत्यादि एवं पी.ओ.एल. व्यय के लिये 3 लाख रुपए के आबंटन को बिना किसी उच्चाधिकारी के अनुमोदन उपरांत मनमाने ढंग से अनन्त हाईवे सर्विस पत्थलगांव के प्रोपराईट बसन्त यादव को पी.ओ. एल. राशि भुगतान करने के मामले में कार्यवाही हुई है।

कलेक्टर ने  अनुविभागीय अधिकारी (रा.) पत्थलगांव से प्राप्त प्रतिवेदन अनुसार टीकम सिंह, सहायक ग्रेड-02 (नायब नाजिर) के द्वारा विधानसभा निर्वाचन 2023 में विभिन्न निर्वाचन व्ययों मतदान, मतगणना इत्यादि एवं पी.ओ.एल. व्यय के लिये रूपये 3 लाख  मात्र प्राप्त आबंटन को बिना किसी उच्चाधिकारी के अनुमोदन उपरांत मनमाने ढंग से अनन्त हाईवे सर्विस पत्थलगांव के प्रोपराईट बसन्त यादव को पी.ओ. एल. राशि भुगतान कर दिया गया है। उक्त संबंध में अनुविभागीय अधिकारी (रा.) पत्थलगांव द्वारा कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। जिसका टीकम सिंह द्वारा आज पर्यन्त जवाब प्रस्तुत नहीं किया गया है।

टीकम सिंह बाज, नायब नाजिर पत्थलगांव के द्वारा उच्चाधिकारियों के आदेश का अवहेलना करते हुए उन्हें सौंपे कार्यों का निष्ठापूर्वक निर्वहन नहीं करने के कारण नायब नाजिर शाखा पत्थलगांव से उप तहसील बागबहार में एवं कैलाश यादव, सहायक ग्रेड-03 को नायब नाजिर शाखा पत्थलगांव में कार्य करने हेतु आदेशित करने पर कैलाश यादव, सहायक ग्रेड-03 के द्वारा प्रस्तुत आवेदन के अनुसार टीकम सिंह बाज के द्वारा आज पर्यन्त तक नायब नाजिर शाखा पत्थलगांव का प्रभार नहीं सौंपा गया है और न ही प्रभार सौंपने में कोई रूचि ली जा रही है।

इस प्रकार टीकम सिंह  द्वारा उच्चाधिकारियों के आदेश की अवहेलना एवं स्वेच्छाचारिता तथा अपने कर्तव्य के प्रति लापरवाही बरती गयी है। जो कि छ.ग. सिविल सेवा आचरण नियम 1965 के नियम 03 के विपरीत है। अतएव टीकम सिंह बाज, सहायक ग्रेड-02 (नायब नाजिर) को छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण तथा अपील) नियम 1966 के नियम-9 में दिए गए प्रावधानों के तहत् तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया है। निलंबन अवधि में उनका मुख्यालय कार्यालय अनुविभागीय अधिकारी (रा.) जशपुर निर्धारित किया जाता है। निलंबन अवधि में उन्हें नियमानुसार जीवन निर्वाह भत्ते की पात्रता होगी।

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