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विष्‍णुदेव मंत्रिमंडल में बड़ी जिम्‍मेदारी संभालेंगे ओपी चौधरी, जानिए…

रायपुर। 2005 बैच के अधिकारी ओपी चौधरी केवल 22 साल में आइएएस बने और 36 साल की उम्र में नौकरी छोड़ी। 2018 में जब ओपी ने नौकरी छोड़ी, तब वह डा.रमन सिंह की सरकार में रायपुर में कलेक्टर थे। भाजपा में प्रवेश कर वह साल 2018 में खरसिया विधानसभा सीट से चुनाव लड़े थे, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा था।

छत्‍तीसगढ़ की विष्‍णुदेव साय सरकार के मंत्रिमंडल में एक पूर्व आइएएस अफसर को भी जगह मिली है। ओपी चौधरी की गिनती तेज-तर्रार अफसरों में होती रही है। ओपी चौधरी ने आइएएस अफसर रहते हुए कई शानदार काम किए थे। आइए जानते हैं ओपी चौधरी का आइएएस अफसर से लेकर मंत्री बनने तक का सफर।

दो जून 1981 को मध्यमवर्गीय परिवार में जन्मे ओपी के पिता दीनानाथ चौधरी एक शिक्षक थे। जब ओपी दूसरी कक्षा में पढ़ रहे थे, तब उनके पिता का देहांत हो गया था। उन्होंने अपनी शुरुआती स्कूली शिक्षा अपने पैतृक गांव बयांग से ही पूरी की। खपरैल के स्कूल में ओपी चौधरी ने पढ़ाई की।

इसके बाद हायर सेकेंडरी की शिक्षा में पर्याप्त शिक्षक नहीं होने से ओपी चौधरी ने स्वयं ही अपनी पढ़ाई पूरी की। स्कूली शिक्षा के बाद उन्होंने भिलाई से बीएससी की। पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय से गणित, भौतिकी और इलेक्ट्रानिक्स में स्नातक की पढ़ाई पूरी की और फिर सिविल सर्विस की तैयारी में जुट गए। पहले ही प्रयास में यूपीएससी परीक्षा में उनका चयन हुआ। चौधरी का विवाह डा. अदिति चौधरी से हुआ है जो कि शासकीय सेवा में हैं।

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