प्रदेश में षडयंत्र पूर्वक ओबीसी आरक्षण कम किया गया : कांग्रेस
रायपुर । प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा है कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार द्वारा स्थानीय निकाय चुनाव में आरक्षण प्रावधानों किए गए दुर्भावना पूर्वक संशोधन के चलते अधिकांश जिला और जनपद पंचायतों में ओबीसी आरक्षण खत्म हो गया है। प्रदेश के 16 जिला पंचायत और 85 जनपदों में जहां पहले 25 प्रतिशत सीटें अन्य पिछड़ा वर्ग के उम्मीदवारों के लिए आरक्षित हुआ करती थी, अब अनुसूचित क्षेत्रों में ओबीसी आरक्षण लगभग खत्म हो गया है। पूर्व में ओबीसी के लिए आरक्षित ये सभी सीटें अब सामान्य घोषित हो चुकी है। साय सरकार के द्वारा आरक्षण प्रक्रिया के नियमों में किए गए दुर्भावना पूर्वक संशोधन के बाद अनुसूचित जिले और ब्लॉकों में जिला पंचायत सदस्य, जनपद सदस्य और पंचों का जो भी पद अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित था, वह अब सामान्य सीटे घोषित हो गई है।
दीपक बैज ने कहा है कि बस्तर और सरगुजा संभाग में आरक्षित वर्ग को बड़ा नुकसान है सरगुजा संभाग के पांच जिले अंबिकापुर, बलरामपुर, सूरजपुर, कोरिया, मनेंद्रगढ,़ चिरमिरी, भरतपुर सोनहत, बस्तर के 7 जिले बस्तर, कांकेर, कोंडागांव, दंतेवाडा, नारायणपुर, सुकमा, बीजापुर सहित मानपुर मोहला, जशपुर, गैरोला पेंड्रा मरवाही, और कोरबा जिले में अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए कुछ बचा ही नहीं है। इस सरकार के द्वारा स्थानीय निकाय (त्रिस्तरीय पंचायत और नगरीय निकाय) चुनाव में आरक्षण के प्रावधानों में जो षडयंत्र पूर्वक ओबीसी विरोधी परिवर्तन किया है उसके परिणाम सामने हैं। त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव 2025 के लिए जिला पंचायत, जनपद पंचायत, सरपंच और पांचों के आरक्षण में ओबीसी के हक और अधिकारों में बड़ी डकैती इस सरकार ने की है। त्रिस्तरीय पंचायत राज संस्थाओं में रायपुर जिला पंचायत में 16 क्षेत्रों में से केवल 4 ओबीसी के लिए आरक्षित है। बिलासपुर जिले में सदस्यों के 17 में से केवल एक क्षेत्र क्रमांक 1 में ओबीसी महिला के लिए आरक्षित है, ओबीसी पुरुष के लिए 17 में से एक भी सीट आरक्षित नहीं है। इसी तरह बिलासपुर जिले के चार जनपद पंचायत में दो जनपद पंचायत अध्यक्ष के पद अनुसूचित जाति महिला, एक अनारक्षित महिला और एक जनपद अध्यक्ष का पद अनारक्षित मुक्त रखा गया है। ओबीसी के लिए बिलासपुर जिले के अंतर्गत चार जनपद पंचायतों में से एक भी जनपद पंचायत अध्यक्ष का पद ओबीसी के लिये आरक्षित नहीं है।
उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार के बदनियति से चलते अन्य पिछड़ा वर्ग के उम्मीदवार चुनाव लड़ने से वंचित हो गए हैं। स्थानीय निकाय चुनाव में आरक्षण के संदर्भ में साय सरकार ने जो दुर्भावना पूर्वक संशोधन किया है वह ओबीसी वर्ग के साथ अन्याय है, अत्याचार है। बस्तर, सरगुजा और बिलासपुर संभाग में ओबीसी वर्ग के लिए कुछ बचा ही नहीं जबकि यहां बड़ी आबादी ओबीसी वर्ग की है, भाजपा सरकार ने दुर्भावना पूर्वक संशोधन करके पिछड़ा वर्ग के प्रतिभागियों के अधिकार को कुचल दिया है।