बलौदा बाजार हिंसा में NSUI का नेता भी गिरफ्तार, अब भीम आर्मी के सदस्यों की तलाश
छत्तीसगढ़ के बलौदा बाजार में हुई हिंसा के मामले में पुलिस की कार्रवाई लगातार जारी है। बुधवार को छत्तीसगढ़ पुलिस ने भारतीय राष्ट्रीय छात्र संघ (एनएसयूआई) के एक नेता सहित सात और लोगों को गिरफ्तार किया है। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि इस सिलसिले में सतनामी समुदाय के नेताओं समेत अब तक 145 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। अधिकारियों ने कहा कि इस मामले में अभी और गिरफ्तारियां की जाएंगी।
पुलिस ने एक बयान में दावा किया कि उसने हिंसा के दौरान लूटा गया एक मोबाइल फोन भी जब्त कर लिया है। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि एनएसयूआई नेता सूर्यकांत वर्मा सहित सात लोगों को गिरफ्तार किया है। अधिकारी ने बताया कि निष्पक्ष तरीके से मामले की जांच की जा रही है। पुलिस के खिलाफ लगाए जा रहे आरोप निराधार हैं।
अधिकारी ने कहा कि भीम आर्मी और अन्य संगठनों के और नेताओं को जल्द ही गिरफ्तार किया जाएगा। बता दें कि एनएसयूआई कांग्रेस पार्टी की छात्र शाखा है। इस बीच, कांग्रेस पार्टी ने राज्य सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि उसकी पार्टी के कार्यकर्ताओं को जानबूझकर निशाना बनाया जा रहा है।
छत्तीसगढ़ के कांग्रेस नेता पंकज शर्मा ने कहा कि राज्य की कानून-व्यवस्था की स्थिति खराब है। बलौदा बाजार के एनएसयूआई नेता सतनामी समुदाय से हैं, इसलिए उन्हें निशाना बनाया गया है। सरकार इसे राजनीतिक साजिश रचने की कोशिश कर रही है और कांग्रेस से जुड़े सतनामी समुदाय के सदस्यों को निशाना बना रही है।
छत्तीसगढ़ एनएसयूआई अध्यक्ष नीरज पांडे ने कहा कि पुलिस असली अपराधी को गिरफ्तार नहीं कर पा रही है और इसलिए एनएसयूआई नेताओं को निशाना बना रही है। पांडे ने कहा कि पुलिस कांग्रेस के और नेताओं को गिरफ्तार करने की योजना बना रही है। अगर ऐसा होता है तो वे पुलिस और भाजपा सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन शुरू करेंगे।
बता दें कि 15 मई को अज्ञात व्यक्तियों ने बलौदा बाजार-भाटापारा जिले के गिरौदपुरी धाम में पवित्र अमर गुफा के पास सतनामी समुदाय द्वारा पूजे जाने वाले पवित्र प्रतीक ‘जैतखाम’ को तोड़ दिया। घटना के विरोध में सतनामी समुदाय ने 10 जून को दशहरा मैदान बलौदा बाजार में प्रदर्शन और कलेक्टर कार्यालय का घेराव करने का आह्वान किया था।
प्रदर्शन के दौरान भीड़ ने कथित तौर पर एक सरकारी कार्यालय में आग लगा दी, जबकि बलौदा बाजार शहर में दोपहिया और चार पहिया वाहनों सहित 150 से अधिक वाहनों को आग के हवाले कर दी। भीड़ द्वारा किए गए पथराव में लगभग 50 पुलिस कर्मी घायल हो गए। सरकारी अधिकारियों के मुताबिक हिंसा की घटना में 12 करोड़ रुपये की संपत्ति का नुकसान हुआ है।