ट्रेंडिंगभारत

NRC और CAA का कोई लेना-देना नहीं, ये शरणार्थियों को न्याय देने का मुद्दा : अमित शाह

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने सीएए को लेकर विपक्ष द्वारा फैलाए जा रहे नकारात्मक प्रचार पर अपना रुख साफ किया है. उन्होंने कहा कि एनआरसी और सीएए का कोई लेना-देना नहीं है. उन्होंने साथ ही ये भी कहा कि ये कानून कभी वापस नहीं होगा. ये शरणार्थियों को न्याय देने का मुद्दा है.

मामले से जुड़ी अहम जानकारियां :

  •  अमित शाह ने सीएए को लेकर कहा कि जब विभाजन हुआ तो पाकिस्तान में 23 प्रतिशत हिन्दू थे, आज 3.7 प्रतिशत हैं. कहां गए सारे. इतने तो यहां नहीं आए. उनका धर्म परिवर्तन किया गया, अपमानित किया गया. क्या देश को इसका विचार नहीं करना चाहिए. बांग्लादेश में 1951 में हिन्दुओं का 22 प्रतिशत था. 2011 की जनगणना में वो 10 प्रतिशत रह गया. कहां गए? अफगानिस्तान में 1992 के 2 लाख सिख और हिन्दू थे आज 500 बचे हैं. क्या इन लोगों को अपनी आस्था के साथ जीने का अधिकार नहीं है. जब भारत एक था तो ये साथ ही थे. ये हमारे ही लोग हैं. अगर उनकी थ्योरी को भी अपनाएं तो विभाजन के बाद इतने शरणार्थियों को क्यों आने दिया गया?
  • अमित शाह ने कहा कि विपक्ष रोहिंग्या की बात क्यों नहीं करता, केजरीवाल रोहिंग्या की चर्चा नहीं करते. तुष्टीकरण की राजनीति के लिए विपक्ष इस पर राजनीति कर रहा है. 
  • गृहमंत्री ने कहा कि सीएए इस देश का कानून है. हमने घोषणापत्र में सीएए का वादा किया था. बीजेपी का एजेंडा बिल्कुल साफ है. मोदी की हर गारंटी पूरी होगी.
  • अमित शाह ने कहा कि नागरिकता से कभी समझौता नहीं करेंगे. आदिवासियों के अधिकार में इससे कोई फर्क नहीं पड़ेगा. राज्यों को इस बारे में अधिकार नहीं है. नागरिकता पर कानून का अधिकार केंद्र को है. 
  • सुप्रीम कोर्ट में इस मामले के होने के सवाल पर अमित शाह ने कहा कि इस पर सुप्रीम कोर्ट का कोई स्टे नहीं है. इसलिए लागू करने में कोई दिक्कत नहीं थी.
  • उद्धव ठाकरे के सीएए के विरोध करने को लेकर अमित शाह ने कहा कि उन्हें जनता के सामने ये स्पष्ट करना चाहिए कि ये कानून चाहिए या नहीं.
Show More

Related Articles

Back to top button