हमर छत्तीसगढ़

अब रजिस्ट्री के बाद जमीन का होगा स्वतः नामांतरण, अभिलेख भी होंगे दुरूस्त

गरियाबंद. मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के सुशासन में छत्तीसगढ़ में जमीन के पंजीयन प्रक्रिया में 10 क्रांतिकारी बदलाव किए गए हैं। यह सुशासन की सरकार का ऐतिहासिक कदम है। जिला प्रशासन द्वारा पंजीयन विभाग अंतर्गत रजिस्ट्री के प्रमुख 10 सुधारों के क्रियान्वयन एवं मॉनिटरिंग हेतु कार्यशाला एवं प्रशिक्षण का आयोजन आज जिला पंचायत के सभाकक्ष में किया गया। कार्यक्रम में बिन्द्रानवागढ़ क्षेत्र के विधायक श्री जनक ध्रुव, नगर पालिका अध्यक्ष श्री रिखीराम यादव, कलेक्टर श्री बी.एस उइके एवं पुलिस अधीक्षक श्री निखिल राखेचा शामिल हुए।
कार्यशाला में राज्य स्तरीय मास्टर ट्रेनर्स द्वारा बताया गया कि ब्रिटिश कालीन पंजीयन अधिनियम 1908 तथा भारतीय स्टाम्प अधिनियम 1899 के पुराने नियम आज भी चल रहे हैं, जिससे अनेक प्रकार की व्यावहारिक दिक्कतें सामने आती हैं। ऐसे में प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के मार्गदर्शन में वित्त मंत्री श्री ओ.पी. चौधरी ने इसे आधुनिकीकृत, सरलीकृत और पारदर्शी बनाने की दिशा में पहल की है जो वास्तव में प्रदेश के लोगों को बड़ी राहत देगी। पंजीयन के कार्य में इन 10 प्रकार की सुविधाओं से सरलीकरण और पारदर्शिता आई है, जिसका लाभ क्रेता और विक्रेता दोनों को होगा। इसके तहत अब जमीन के खरीददारों को रजिस्ट्री के बाद नामांतरण के लिए किसी भी कार्यालय जाने की आवश्यकता नहीं होगी। अब स्वतः नामांतरण की सुविधा मिलेगी। रजिस्ट्री होते ही स्वतः नामांतरण कर बी-1 खसरा जैसे अभिलेख भी दुरूस्त कर दिये जायेंगे। कार्यक्रम में मौजूद विधायक श्री जनक ध्रुव ने कहा कि पंजीयन के प्रणाली में किये गये 10 बदलाव के बेहतर क्रियान्वयन से आमजनों को सुविधा होगी। साथ ही ऑनलाइन प्रणाली में सुधार होगा। कार्यक्रम में कलेक्टर श्री उईके ने छत्तीसगढ़ सरकार के इस नवाचार की सराहना की। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ को विकसित राज्य बनाने के लिए सरकार निरंतर अच्छे फैसले ले रही है। इसी के तहत अगले कड़ी में पंजीयन विभाग द्वारा पूरी प्रक्रिया को अद्यतीकृत किया गया है, जिसमें 10 प्रकार के कार्य सम्मिलित हैं, इसमें रजिस्ट्री दस्तावेजों का स्वतः निर्माण, घर बैठे स्टाम्प सहित दस्तावेज बनाने की सुविधा, फर्जी रजिस्ट्री रोकने के लिए आधार सत्यापन, रजिस्ट्री खोज एवं डाउनलोड, घर बैठे रजिस्ट्री, रजिस्ट्री के साथ स्वतः नामांतरण, ऑनलाईन भारमुक्त प्रमाण पत्र, स्टाम्प एवं रजिस्ट्री शुल्कों का कैशलेस भुगतान, वाट्सएप सेवाएं तथा डिजिलॉकर सेवाएं शामिल हैं। उन्होंने इन सभी सुविधाओं का लाभ उठाने तथा जनमानस में व्यापक प्रचार-प्रसार करने की अपील उपस्थित जनप्रतिनिधियों एवं अधिकारियों से की। इस अवसर पर जिला पंचायत उपाध्यक्ष श्रीमती लालिमा ठाकुर सहित बड़ी संख्या में क्षेत्र के जनप्रतिनिधि, गणमान्य नागरिक आदि मौजूद थे।
10 नये क्रांतिकारी परिवर्तन – कार्यशाला में पंजीयन विभाग द्वारा 10 नये क्रांतिकारी परिवर्तनों के विषय में विस्तार से बताया गया, जिसमें -1. आधार आधारित प्रमाणीकरण सुविधा – पंजीयन साफ्टवेयर को आधार लिंक किया गया है, पंजीयन के समय क्रेता-विक्रेता एवं गवाहों की पहचान आधार रिकार्ड के माध्यम से की जाएगी जिससे गलत व्यक्ति को खड़े कराकर पंजीयन नही हो सकेगा। आम जनता को फर्जीवाडे का शिकार नही होना पड़ेगा। 2. ऑनलाईन सर्च एवं डाउनलोड की सुविधा – आम आदमी वर्षों की जमा पूंजी लगाकर स्वयं का घर खरीदते है, इसलिए संपत्ती खरीदने से पहले पूरी जांच पड़ताल आवश्यक है। अभी रजिस्ट्री की जानकारी के लिए पंजीयन कार्यालय में स्वयं या वकील के माध्यम से उपस्थित होकर सर्च करना पड़ता है, ऑनलाईन सर्च का प्रावधान होने से खसरा नंबर डालते ही उस खसरे के पूर्व के समस्त लेनदेन की जानकारी एक क्लिक पर प्राप्त हो सकेगी। 3. भारमुक्त प्रमाण पत्र की सुविधा – भार मुक्त प्रमाण पत्र एक बहुत ही आवश्यक प्रमाणपत्र है जो संपत्ति खरीदने के पूर्व उसकी जानकारी उपलब्ध कराता है। यह प्रमाणपत्र अब ऑनलाइन ही प्रदाय किया जा सकेगा। 4. एकीकृत कैशलेस भुगतान की सुविधा- पहले रजिस्ट्री कराने के लिए स्टाम्प शुल्क और पंजीयन शुल्क का अलग अलग जगह और समय पर भुगतान करना पड़ता था। अब स्टाम्प एवं पंजीयन शुल्क को एक साथ लिये जाने के लिए एकीकृत कैशलस सिस्टम तैयार किया गया है। स्टाम्प एवं पंजीयन शुल्क का एकसाथ सुविधानुसार क्रेडिट डेबिट कार्ड, पी०ओ०एस० मशीन, नेट बैंकिंग अथवा यू०पी०आई से फीस का भुगतान हो सकेगा। 5. व्हाट्सएप मैसेज सर्विसेज – व्हाट्सएप आज के समय में सर्वाधिक उपयोग हो रहा सोशल मीडिया प्लेटफार्म है। पंजीयन कराने वाले क्रेता-विक्रेता को अपाईन्टमेंट सहित पंजीयन होने तक सभी प्रकार के अपडेट एवं एलर्ट व्हाट्सएप में ही प्राप्त होंगे। रजिस्ट्री की प्रति भी व्हाट्सएप से ही डाउनलोड हो जायेगी। इस सुविधा के माध्यम से फीडबैक एवं शिकायतें भी व्हाट्सएप के माध्यम से की जा सकेंगी। 6. डिजीलॉकर की सुविधा – रजिस्ट्री दस्तावेजों को डिजिलॉकर में सुरक्षित स्टोर किया जाएगा, ताकि आवश्यकता पड़ने पर पक्षकार को आसानी से डिजीटल प्रमाणित दस्तावेज उपलब्ध हो जाए। 7. आटो डीड जनरेशन की सुविधा – जनता की सुविधा के लिए रजिस्ट्री को पेपर लेस बनाया गया है। ऑनलाईन दस्तावेज प्रारूप का चयन कर पक्षकार और संपत्ति विवरण दर्ज करने पर स्वतः ही दस्तावेज तैयार हो जाएगा। वही दस्तावेज पेपरलेस होकर उप पंजीयक को ऑनलाइन प्रस्तुत होगा। 8. डिजीडॉक्यूमेंट की सुविधा – कुछ दस्तावेज जिसमें स्टाम्प लगाना आवश्यक है, परन्तु पंजीयन अनिवार्य नही है जैसे कि शपथ पत्र, अनुबंध पत्र। इनका प्रारूप ऑनलाईन डिजीडॉक्यूमेंट से तैयार कर स्टाम्प शुल्क भी डिजीटल रूप से चुकाया जा सकेगा। दस्तावेज तैयार करने और स्टाम्प के लिए अलग-अलग जगह जाने की आवश्यकता नहीं है। 9. घर बैठे रजिस्ट्री की सुविधा – जनता की सुविधा के लिए रजिस्ट्री को पेपरलेस किया गया है। दस्तावेज का प्रारूप चयन करने से ऑनलाईन दस्तावेज तैयार हो जाएगा स्टाम्प और पंजीयन फीस ऑनलाईन चुकाकर पक्षकार पंजीयन के लिए अपाइन्टमेंट लेकर घर बैठे ही आधार प्रमाणीकरण के माध्यम से पंजीयन करा सकेंगे। रजिस्ट्री पूर्ण होते ही दस्तावेज स्वतः ही ऑनलाइन प्राप्त हो जाएगा। 10. स्वतः नामांतरण की सुविधा इत्यादि – अचल संपत्ति खरीदने के लिए पंजीयन कराया जाता है। उसके बाद उसे राजस्व रिकार्ड में अद्यतन कराना पड़ता हैं, नामांतरण की इस प्रक्रिया में महीने लग जाते थे, इस बीच वही संपत्ति अन्य को बेच दिये जाने पर पीड़ित पक्षकारों को न्याय के लिए वर्षों इंतजार करना पड़ता है। अब पंजीयन के तुरंत बाद ही स्वतः नामांतरण होने से न केवल समय की बचत होगी बल्कि आम जनता को फर्जीवाडे का शिकार भी नही होना पड़ेगा।

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