नीट पेपर लीक पटना और हजारीबाग तक ही सीमित, सुप्रीम कोर्ट ने बताया क्यों नहीं किया कैंसिल
नीट-यूजी में पेपर लीक के आरोपों के बाद भी सुप्रीम कोर्ट ने आखिर परीक्षा रद्द क्यों नहीं की। इस पर शीर्ष अदालत ने शुक्रवार को विस्तार से बताया। अदालत ने कहा कि इस मामले में कोई व्यवस्थागत खामी नहीं पाई गई है। ऐसे में इसे रद्द करने से उन लाखों छात्रों के हित प्रभावित होते, जो एग्जाम में बैठे थे। इसके अलावा परीक्षा पास करने वाले छात्रों के मनोबल पर भी विपरीत असर पड़ता। अदालत ने कहा कि पूरी जांच से पता चला है कि पेपर लीक पटना और हजारीबाग तक ही सीमित था। इसका व्यापक असर नहीं था, जैसे किए दावे किए जा रहे थे।
शीर्ष अदालत ने कहा कि हमने अपने फैसले में एनटीए की सभी खामियों पर बात की है। हम छात्रों के हित में एनटीए की खामियों को नजरअंदाज नहीं कर सकते। बेंच ने कहा कि केंद्र सरकार को नीट परीक्षा की सभी खामियां इसी साल दूर कर लेनी चाहिए ताकि यह दोबारा कभी न हो सके।