हमर छत्तीसगढ़

STF पर नक्सलियों का आईईडी अटैक, 2 जवान शहीद; 4 घायल रायपुर होंगे एयरलिफ्ट

नक्सलियों के खिलाफ बस्तर में ऑपरेशन मॉनसून के तहत सुकमा बीजापुर और दंतेवाड़ा जवानों के संयुक्त बलों द्वारा बीजापुर सुकमा जिले की सीमा पर बड़ा ऑपरेशन लॉन्च किया गया। सर्चिंग पर निकले बीजापुर एसटीएफ के जवानों पर नक्सलियों ने आईईडी अटैक किया है जिसमें दो जवान शहीद हो गए हैं। जबकी इसी हमले में चार एसटीएफ जवान घायल हैं। मिली जानकारी के अनुसार, यह पूरा घटनाक्रम तड़के सुबह का है जब मोकूर और तर्रेम के जंगलों में जवान ऑपरेशन पर निकले हुए थे। 

घने जंगल में ही नक्सलियों ने आईईडी प्लांट कर रखा था। ब्लास्ट होते ही आईईडी की जद में एसटीएफ के 6 जवान आ गए। कुछ देर में घायलों में दो जवान शहीद हो गए। वहीं घटना में घायल सभी जवानों की बीजापुर जिला अस्पताल में इलाज जारी है। जहां से सभी को एयरलिफ्ट कर रायपुर ले जाया जाएगा। एसपी जितेंद्र कुमार यादव ने बताया कि घायलों की हालत खतरे से बाहर है।

लगातार नुकसान से नक्सलियों ने बदली रणनीति

लगातार नुकसान के बाद आखिरकार जवानों को रोकने के लिए नक्सलियों की रणनीति में फेरबदल देखने को मिल रही है। दरअसल नक्सलियों द्वारा आमतौर पर आईईडी प्लांट एक दो जवानों को टारगेट करने के लिए किया जाता रहा है। पर इस बार नक्सलियों की आईईडी ब्लास्ट से 6 जवानों को नुकसान हुआ है जिसमें दो जवान शहीद भी हो गए हैं। सवाल यह है कि आखिर नक्सलियों ने कौन सी आईईडी का इस्तेमाल किया होगा जिससे ज्यादा जवानों पर आईईडी का असर हुआ है।

बीते कुछ वर्ष पहले सुकमा के ताड़मेटला गांव में भी नक्सलियों ने इसी तरह पाइप से तैयार की गई आईईडी बनाई थी जिसका डायरेक्शन वहां था जहां से जवानों के आने की आशंका थी। और उस आईईडी के फटने से कोबरा 206 बटालियन के असिस्टेंट कमांडेंट नितिन भालेराव शहीद हो गए थे साथ ही तत्कालीन कोबरा के द्वितीय कमान अधिकारी दिनेश सिंह समेत आधा दर्जन जवान घायल हुए थे। इस बार भी नक्सलियों द्वारा कुछ इसी तरह की रणनीति का इस्तेमाल किए जाने की आशंका है।

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