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लाडकी बहनों को देने के लिए खत्म हो गए पैसे, दूसरे विभाग के बजट पर सेंधमारी कर रही सरकार

मुंबई: बीजेपी, शिवसेना और एनसीपी के गठबंधन वाली महायुति सरकार की महत्वाकांक्षी ‘मुख्यमंत्री माझी लाडकी बहिण’ (लाडली बहन) योजना विधानसभा चुनाव 2024 में गेम चेंजर साबित हुई। लेकिन महायुति को चुनाव में ऐतिहासिक जीत दिलाने वाली यह योजना अब महायुति के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के लिए मुसीबतों का सबब साबित हो रही है। क्योंकि योजना को आगे जारी रखने के लिए सरकार को दूसरे विभागों के बजट में कटौती करनी पड़ रही है।

जैसा कि अब आदिवासी विकास विभाग के मामले में देखने को मिल रहा है। लाडली बहनों को मई महीने के पैसों के भुगतान के लिए सरकार ने आदिवासी विकास विभाग से 335 करोड़ 70 लाख रुपए लाडकी बहिन योजना के लिए लेने का निर्णय लिया है।

शुक्रवार को जारी किए गए जीआर के अनुसार, महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा आदिवासी घटक कार्यक्रम के अंतर्गत क्रियान्वित की जा रही लाडकी बहिन योजना के अंतर्गत पात्र लाभार्थी महिलाओं को वित्तीय लाभ के भुगतान के लिए वर्ष 2025-26 के बजटीय प्रावधान से राशि वितरण का अनुरोध वित्त विभाग को प्राप्त हुआ है। उक्त प्रस्ताव पर वित्त विभाग द्वारा दी गई स्वीकृति के अनुसार धनराशि वितरित किए जाने का प्रकरण शासन द्वारा विचाराधीन था।

राज्य सरकार ने लाडकी बहिन योजना के लिए 335 करोड़ 70 लाख रुपए की राशि को प्रशासनिक विभाग के प्रमुख के रूप में सचिव, महिला एवं बाल विकास विभाग को बजटीय निधि वितरण प्रणाली (बीईएएमएस) पर वितरित करने के लिए अनुमोदन किया है।

सरकार ने इस वर्ष के बजट में ‘लाडली बहन योजना’ के लिए 36,000 करोड़ रुपए का प्रावधान किया था। लेकिन लाडली के लाभार्थियों को पैसा बांटने के लिए सरकार को आदिवासी विभाग और समाज कल्याण विभाग से कुल 7,000 करोड़ रुपए की राशि डायवर्ट करनी पड़ी थी। इसमें से 4,500 करोड़ रुपए सामाजिक न्याय विभाग से और 3,000 करोड़ रुपए आदिवासी विकास विभाग से लेने का प्रस्ताव रखा गया था।

इस निर्णय के अनुरूप मई 2025 के प्रारंभ में सरकार ने सामाजिक न्याय विभाग से 764 करोड़ रुपए की धनराशि ‘लाडली बहन’ को दी गई थी। सामाजिक न्याय विभाग के मंत्री संजय शिरसाट इस पर सार्वजनिक तौर पर नाराजगी भी व्यक्त कर चुके हैं।

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