मितानिन संघ की राज्यव्यापी अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू
रायपुर, प्रदेश स्वास्थ्य मितानिन संघ ने अपनी मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर दी है। यह हड़ताल मितानिनें, मितानिन प्रशिक्षक, ब्लॉक समन्वयक, स्वस्थ पंचायत समन्वयक, एरिया कोऑर्डिनेटर एवं मितानिन हेल्प डेस्क फेसिलिटेटर के संविलियन को लेकर की जा रही है।
मितानिन संघ की प्रदेश अध्यक्ष सरोज सिंह सेंगर ने जानकारी दी कि लंबे समय से वे सभी राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) में संविलियन की मांग कर रहे हैं, लेकिन शासन और एनएचएम द्वारा उनकी मांगों पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।
मुख्य मांगे:
- सभी मितानिनें और मितानिन प्रशिक्षक, ब्लॉक समन्वयक, स्वस्थ पंचायत समन्वयक, एरिया कोऑर्डिनेटर एवं मितानिन हेल्प डेस्क फेसिलिटेटर का राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) में संविलियन।
- एस.एच.आर.सी. (State Health Resource Centre) NGO के साथ कार्य करने से इनकार।
- अन्य किसी भी एस.एच.एस.आर.सी. (State Health System Resource Centre) जैसी संस्थाओं के साथ काम नहीं करने की घोषणा।
मितानिन संघ ने आरोप लगाया है कि एस.एच.आर.सी. (State Health Resource Centre) NGO के द्वारा मितानिन कार्यक्रम से जुड़ी स्वस्थ पंचायत समन्वयक, एरिया समन्वयक, मितानिन प्रशिक्षक (शहरी) से निरन्तर कार्य कराया गया एवं इनका का नाम NHM के आरोपी (ROP) में कभी भी जुड़वाने की पहल नहीं की गई । एवं ब्लॉक समन्वयक का नाम राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) के मानव संसाधन नीति (HR Policy) में होने के बावजूद भी उन्हें मिलने वाले लाभ से वंचित रखा गया। इस तरह एस.एच.आर.सी. संस्था द्वारा उपरोक्त कार्यकर्ताओं का शोषण किया गया।
हड़ताल का आयोजन और प्रदर्शन:
मितानिन संघ ने 13 दिसंबर 2024 से प्रदेशव्यापी काम बंद और कलम बंद हड़ताल शुरू की है। 16 दिसंबर 2024 से राज्य के हर जिले में जिला स्तर पर धरना प्रदर्शन का आयोजन किया जाएगा।
संघ ने स्पष्ट किया कि वे अपनी मांगों के समाधान तक आंदोलन जारी रखेंगे। संघ ने शासन से उनकी मांगों पर शीघ्र सकारात्मक कार्यवाही करने की अपील की है।
प्रतिनिधित्व एवं प्रशासन से अपेक्षा:
यह ज्ञापन माननीय मुख्यमंत्री और मिशन संचालक, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन सहित संबंधित अधिकारियों को भेजा गया है। मितानिन संघ ने अपनी समस्याओं को लेकर शासन से तत्काल हस्तक्षेप की मांग की है।
प्रदेश स्वास्थ्य मितानिन संघ ने स्पष्ट कर दिया है कि यदि उनकी मांगों को अनसुना किया गया तो वे आंदोलन को और तेज करेंगे।
इस हड़ताल से राज्य के स्वास्थ्य सेवाओं विशेषकर ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में प्रसव पूर्व और प्रसवोत्तर देखभाल, बच्चों के टीकाकरण, और सामान्य बीमारियों के उपचार एवं वर्तमान में चल रहे टी.बी. आभियान जैसे महत्वपूर्ण आभियान कार्य प्रभावित होंगे।