लोक अदालतें आज, आपसी समझौते से होगा प्रकरणों का निराकरण
नई दिल्ली। राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण नई दिल्ली के दिशा-निर्देशानुसार आज (शनिवार को) देश भर के सभी जिलों में साल की चतुर्थ एवं अंतिम नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया जा रहा है। यह नेशनल लोक अदालत उच्च न्यायालय, जिला न्यायालय के साथ-साथ परिवार न्यायालय, उपभोक्ता फोरम, श्रम न्यायालय, रेलवे कोर्ट सहित सिविल न्यायालयों में आयोजित की जा रही है, जिसमें आपसी समझौते के आधार पर लंबित मामलों का निराकरण किया जाएगा।
नेशनल लोक अदालत में न्यायालय में लंबित आपराधिक प्रकरण, परक्राम्य अधिनियम की धारा 138 के अंतर्गत चेक बाउंस प्रकरण, बैंक रिकवरी संबंधी मामले, एमएसीटी (मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण) के मामले, वैवाहिक प्रकरण, श्रम विवाद, भूमि अधिग्रहण के प्रकरण, बिजली और पानी का बिल संबंधी प्रकरण (चोरी के मामलों को छोड़कर), सेवा मामले जो सेवा निवृत्त संबंधी लाभों से संबंधित है। राजस्व के प्रकरण (जिला न्यायालय और उच्च न्यायालयों में लंबित), उपभोक्ता मामले, दीवानी मामले और बैंक रिकवरी, 138 एनआईएक्ट, जलकर, और विद्युत संबंधी पूर्ववाद (प्रीलिटिगेशन) राजीनामा योग्य प्रकरणों का निराकरण होगा।
भोपाल जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की सचिव आरती शर्मा ने बताया कि नेशनल लोक अदालत के माध्यम से प्रकरण का निराकरण होने से संपूर्ण कोर्ट फीस वापसी होती है। साथ ही पक्षकारों के मध्य आपसी सहमति से सौहार्दपूर्व वातावरण में प्रकरण का निराकरण होने से समय व धन की बचत भी होती है। नेशनल लोक अदालत में अपने प्रकरणों का निराकरण आपसी सहमति के आधार पर कराया जाकर लोक अदालत का लाभ उठाने के लिए आव्हान किया जाता है। अधिक जानकारी के लिए जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, भोपाल एवं तहसील विधिक सेवा रामिति बैरसिया से सम्पर्क किया जा सकता है।