स्वास्थ्य

Life Style : ऐसे पहचानें कि तकिया बदलने का आ गया समय, नहीं तो सेहत के लिए है नुकसानदेह

तकिया का इस्तेमाल लोग गर्दन को सपोर्ट देने या सोते समय पोश्चर को सही रखने के लिए करते हैं। लेकिन बिस्तर पर रखी तकिया की भी एक्सपायरी डेट होती है। भले ही आप पिलो कवर को हर हफ्ते या दूसरे दिन धोते हों लेकिन सेहत का ख्याल रखना चाहते हैं तो तकिया को समय पर बदल दें। हर तकिया की एक्सपायरी डेट होती है। इसे पहचाने के लिए बस इन छोटी चीजों पर ध्यान दें।

पुराने तकिया से हो सकती हैं ये समस्याएं

तकिये पर सिर रखकर सोने से सिर में मौजूद ऑयल पिलो कवर के साथ ही तकिया अब्जॉर्ब कर लेता है और फिर यहीं ऑयल लगातार सोखने की वजह से माइक्रोबियम पनपने लगते हैं। जो सेहत के लिए नुकसानदेह बन जाते हैं।

-इम्यूनिटी वीक कर देते हैं।

-बार-बार कफ, कोल्ड हो जाता है तो एक बार तकिया जरूर बदल दें।

-चेहरे पर पिंपल, एक्ने बार-बार होना भी गंदे तकिये की निशानी हो सकती है।

-सोकर उठने पर गर्दन और कंधे में दर्द हो तो समझ जाएं कि तकिया आपकी सेहत को नुकसान पहुंचा रहा है

कब बदलना चाहिए तकिया

तकिया की भी एक्सपायरी डेट होती है। किसी भी तकिए को जो आप रोजाना इस्तेमाल करते हैं। उसे एक से दो साल के बीच में बदल देना चाहिए। साथ ही इन तरीकों से पता लगा सकते हैं कि आपका तकिया अब बदलने लायक हो गया है।

तकिया में गांठ

अक्सर रूई की ट्रेडिशनल तकिया में पुराने होने के साथ गांठ पड़ने लगती है। अगर तकिया में रूई की गांठ बन गई है तो इसे बदल दें।

तकिया फोल्ड कर पता करें

तकिया गर्दन के नीचे लगाने लायक है कि नहीं ये एक छोटे से टेस्ट से पता किया जा सकता है। बस तकिया को एक तरफ से फोल्ड कर आधा मिनट के लिए रुकें। तकिया से हाथ हटाते ही अगर तकिया सीधा हो जाए तो इसका मतलब कि सही है। लेकिन तकिया अगर फोल्ड पोजीशन में ही रह जाए तो इसका मतलब है कि तकिया बदलने का समय आ गया है।

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