वायनाड में हुए भूस्खलन पूरे वायनड की स्थिति बदहाल : केरल बैंक ने दिया राहत, चूरलमाला शाखा में आपदा पीड़ितों के किए ऋण माफ
तिरुवनंतपुरम: वायनाड में मची तबाही में के कारण पूरे देश की निगाहें वायनाड पर बनी हुई है। 30 जुलाई को हुए जबरदस्त भूस्खलन ने पूरे वायनाड में तहस-नहस कर दिया है। इसी बीच केरल बैंक ने इस प्रकृतिक आपदा में प्रभावित लोगों के लिए एक अनोखे कदम उठाया है। जिसमें केरल बैंक ने चूरलमाला शाखा में आपदा पीड़ितों के लिए ऋण माफ करने का फैसला लिया है।
केरल बैंक बोर्ड ने सोमवार को जान गंवाने वालों के साथ-साथ उन लोगों के पूरे कर्ज माफ करने का फैसला किया, जिनके गिरवी रखे घर और संपत्तियां आपदा में नष्ट हो गईं। बैंक के निदेशक मंडल ने अपनी चूरलमाला शाखा में प्रभावित परिवारों को राहत प्रदान करने के लिए यह निर्णय लिया।
सोमवार को ऋण माफ करने के निर्णय से पहले केरल बैंक बोर्ड ने 30 जुलाई को केरल बैंक ने बचाव कार्य के समर्थन में मुख्यमंत्री आपदा राहत कोष में 50 लाख रुपये का दान दिया था। बैंक के कर्मचारियों ने भी स्वेच्छा से मुख्यमंत्री आपदा राहत कोष में पांच दिन का वेतन देने का फैसला किया है। इसके साथ ही केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से वायनाड भूस्खलन में अपना सब कुछ खो चुके लोगों के पुनर्वास के लिए वित्तीय सहायता के साथ-साथ जलवायु परिवर्तन से उत्पन्न चुनौतियों से निपटने के लिए सहायता का अनुरोध किया।
केरल सीएम कार्यालय के द्वारा दी गई जानकारी की माने तो एक विज्ञप्ति में कहा गया है कि विजयन ने वायनाड में आपदा प्रभावित क्षेत्र के अपने दौरे के दौरान प्रधानमंत्री को एक ज्ञापन दिया और आपदा की गंभीरता के बारे में प्रधानमंत्री मोदी को जानकारी दी तथा प्रधानमंत्री को एक विस्तृत नोट सौंपा। इसके साथ ही इस मामले में मुख्यमंत्री विजयन ने कहा कि नुकसान का गहन आकलन किया जा रहा है, प्रारंभिक अनुमानों के अनुसार हजारों करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। आपदा पर एक विस्तृत रिपोर्ट बाद में केंद्र सरकार को सौंपी जाएगी।
वायनाड की बदहाल स्थिति को लेकर वायनड का दौरा करने आए प्रधानमंत्री मोदी ने प्रधानमंत्री मोदी ने वायनाड में जिला कलेक्ट्रेट में आयोजित समीक्षा बैठक के दौरान यह आश्वासन भी दिया कि केंद्र राहत प्रयासों में सहायता के लिए हर संभव सहायता प्रदान करेगा। इसके साथ ही उन्होंने यह सुनिश्चित करने का वादा किया कि धन की कमी के कारण कोई भी काम विलंबित नहीं होगा। जिसको लेकर प्रधानमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार राज्य सरकार के सभी अनुरोधों को पूरा करने का पूरा प्रयास करेगी। जैसे ही उन्हें वायनाड में भूस्खलन की स्थिति के बारे में जानकारी मिली, तुरंत एक राज्य मंत्री को स्थिति का जायजा लेने के लिए राज्य में भेजा गया।