जमीन घोटाला: 4.22 एकड़ जमीन की रजिस्ट्री शून्य घोषित..तीन अधिकारी समेत चार सस्पेंड..
अम्बिकापुर। 4 एकड़ 22 डिसमिल शासकीय जमीन की फर्जी रजिस्ट्री कर अलग-अलग 10 लोगों को बेची गई थी। कलेक्टर न्यायालय में सुनवाई के बाद जमीन की रजिस्ट्री को शून्य कर दिया गया है। इस मामले में दोषी अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया है। तहसीलदार सहित दो आरआई, एक लिपिक पर मामला दर्ज किया गया है।
आपको बता दें कि नमनाकला अम्बिकापुर स्थित शासकीय नजूल भू-खण्ड क्रमांक 243/ 1 रकबा 1.710 हे. (4.22 एकड़) भूमि सरगुजा सेटलमेंट में गोचर मद की भूमि है। इस भूमि को बंसु आत्मज भटकुल द्वारा अनियमित पटटा एवं विधिक प्रविधानों के विपरीत नजूल अधिकारी अंबिकापुर के न्यायालय से अपने नाम करा लिया था। इस फर्जीवाड़े में भूमाफियाओं से मिलीभगत की गई थी। राजस्व अधिकारी-कर्मचारियों के साथ मिलकर आपराधिक साजिश रची गई थी।
करोडों की जमीन को अपने नाम कराने के बाद सतीश शर्मा, संमोगर वारियर, अभिषेक नागदेव, शेखर अग्रवाल, सुरेन्द्र कुमार अग्रवाल, अनुषा नागदेव, महेश कुमार केडिया, दिनेश कुमार को विक्रय कर दिया गया था जिससे शासन को शासकीय भूमि की क्षति हुई थी। भूमाफियाओं के साथ कूटरचना कर जमीन फर्जीवाड़ा करने वाले एक लिपिक और दो राजस्व निरीक्षक को कलेक्टर ने निलंबित भी कर दिया है। इन तीनों के अतिरिक्त सरगुजा के पूर्व नजूल अधिकारी के विरुद्ध गैर जमानती धाराओं के तहत पहले ही प्रशासन ने एफआईआर भी पंजीकृत करा दिया है। संपूर्ण जमीन को फिर से शासकीय नजूल मद में दर्ज करने का आदेश दिया गया है।
करोड़ो की जमीन फर्जीवाड़ा मामले में तत्कालीन नजूल अधिकारी नीलम टोप्पो, राजस्व निरीक्षक राहुल सिंह,नारायण सिंह व लिपिक अजय तिवारी की संलिप्तता प्रथम दृष्टया परिलक्षित होने पर इन सभी के विरुद्ध गैर जमानती धाराओं के तहत आपराधिक प्रकरण पंजीकृत कराया गया है। मामला उजागर होने के दौरान नीलम टोप्पो कोंडागांव जिला पंचायत सीईओ के पद पर पदस्थ थे। उन्हें मंत्रालय में वापस बुलाया गया है। कलेक्टर ने लिपिक अजय तिवारी,राजस्व निरीक्षक राहुल सिंह,नारायण सिंह को निलंबित कर दिया है।