लखमा से 8 घंटे पूछताछ,लेकिन शराब घोटाला नहीं कबूला
छत्तीसगढ़ शराब घोटाला मामले में पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा से शुक्रवार को ईडी ने करीब 8 घंटे पूछताछ की। अफसरों ने चाय-नाश्ता पूछा तो कवासी ने कहा कि, मैं चाय नहीं पीता। घोटाला हुआ यह मैं कबूल भी नहीं रहा हूं। दरअसल, अफसरों ने पूर्व मंत्री ने रुपए के लेन-देन, संपत्ति, शराब खरीदी को लेकर होने वाली विभागीय मीटिंग, ढेबर और त्रिपाठी के रोल से जुड़े सवाल किए। लखमा ने प्रॉपर्टी से जुड़े कुछ दस्तावेज ED को दिए हैं। कुछ और दस्तावेज 2 से 4 दिन में देने का समय मांगा है।
यह पूछे जाने पर लखमा ने कहा कि, कोई बदतमीजी नहीं हुई। मुझे अधिकारी लोगों ने चाय नाश्ता पूछा, मैं तो चाय पीता नहीं हूं तो मैंने इनकार कर दिया। अंदर कोई परेशानी नहीं हुई। लखमा ने आगे बताया कि, मुझसे कुछ कागज मांगे गए थे। मैंने दे दिए हैं। संपत्ति के बारे में मुझसे पूछा गया। पत्नी-बेटी की प्रॉपटी के डॉक्यूमेंट बाद में दे दूंगा।कवासी लखमा ने बताया कि, उन्होंने भी प्रवर्तन निदेशालय के अफसरों से सवाल किए। लखमा बोले कि, मैं ED के अधिकारी से छोटा सा सवाल पूछा हूं। घोटाला हुआ ये तो मुझे पता नहीं। मैं घोटाला कबूल कर नहीं रहा हूं।
लेकिन अब ED जांच कर रही है, कुछ अधिकारी अंदर हैं। दो नंबर की शराब बिकी बोल रहे हैं, तो अधिकारी के घर में थोड़े न बनती थी शराब। तीन कंपनियां थीं दारू बनाने वाली, उनके ऊपर कार्रवाई क्यों नहीं हुई। दारू बनाने वाले के ऊपर जांच करो।
कवासी लखमा ने कहा कि, अंदर जो बात हुई सार्वजनिक करना अच्छा नहीं है। कानून को मानता हूं। मैं कानून को मानने वाली कांग्रेस पार्टी में मेंबर हूं। तो वह सब बोलना ठीक नहीं है। लेकिन जानबूझकर बीजेपी ने मुझे परेशान किया है। क्योंकि मैंने विधानसभा में बस्तर के गरीब लोगों की आवाज NMDC, बैलाडीला का मुद्दा और सालवा जुड़ुम की वजह से विस्थापितों का मुद्दा उठाया। इस वजह से यह सब हुआ।
उन्होंने कहा कि, मैं गरीब व्यक्ति हूं। आदिवासी आदमी हूं तो आदिवासी गरीब लोगों के लिए बात करना मेरी संवैधानिक जिम्मेदारी भी है। विधानसभा में रोड के बारे में पुल पुलिया के बारे में मैंने बात की। उसी से नाराज होकर बीजेपी परेशान कर रही। लेकिन मैं गरीब आदमी हूं। गरीबों की लड़ाई अंतिम तक लडूंगा और जब तक जिंदा रहूंगा बस्तर के लिए लडूंगा।