स्ट्रीट लाइट की कमी से सड़क दुर्घटनाएं होती हैंःस्वयंसेवक जॉनसन
कोच्चि, केरल के सड़क सुरक्षा स्वयंसेवक सीजे जॉनसन ने शुक्रवार को कहा कि रात के समय में स्ट्रीट लाइटों की कमी से सड़क दुर्घटनाएं होती हैं।
स्वयंसेवक जॉनसन ने राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के हवाले से बताया कि “वर्ष 2022 में सड़क दुर्घटनाओं में 19.5 प्रतिशत मौतें पैदल चलने वालों की वजह से हुईं और 20.4 प्रतिशत दुर्घटनाएं शाम छह बजे से रात नौ बजे के बीच हुईं, जो सड़कों पर स्ट्रीट लाइट की पर्याप्त रोशनी या लाइटें ना होने की वजह से होती है।”
उन्होंने कहा, “दुर्भाग्य से देश में हमारी अधिकांश सड़कें, जिनमें राष्ट्रीय राजमार्ग, राज्य के स्वामित्व वाली सड़कें और स्थानीय स्व-सरकारों के नियंत्रण वाली अन्य सड़कें शामिल हैं, पर स्ट्रीट लाइट बिल्कुल भी नहीं हैं। यहां तक कि जिन सड़कों पर स्ट्रीट लाइटें उपलब्ध हैं, वहां भी विभिन्न कारणों से प्रकाश व्यवस्था अपर्याप्त है, जिनमें लैंपों की अधिक ऊंचाई, प्रयुक्त लैंपों की अपर्याप्त चमक, पेड़ों की छाया आदि शामिल हैं।”
स्वयंसेवक जॉनसन ने कहा, “जैसा कि हम सभी जानते हैं, स्ट्रीट लाइट उपलब्ध होने पर भी, कभी-कभी वाहन चालक दूर से सड़क पार करने वाले पैदल यात्रियों को नहीं देख पाते हैं, खासकर बरसात के मौसम में या जब पैदल यात्री गहरे रंग के कपड़े पहने होते हैं। वे तभी दिखाई देते हैं जब वाहन उनके बहुत करीब पहुंच जाता है, जिसके कारण दुर्घटनाएं होती हैं।”
उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय राजमार्ग, सभी राज्यों के लोक निर्माण विभाग तथा देश की सभी स्थानीय सरकारों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उनके नियंत्रण में आने वाली सभी सड़कों पर पर्याप्त स्ट्रीट लाइटें लगाई जाएं, ताकि हर साल हजारों लोगों की जान बचाई जा सके।
श्री जॉनसन ने कहा, “निर्माणाधीन सभी नई सड़कें स्ट्रीट लाइट लगने के बाद पूरी मानी जाएंगी। स्ट्रीट लाइट लगाए बिना टोल वसूली की अनुमति नहीं होगी।”