कोलकाता केस: 42 दिन बाद आज ड्यूटी पर होंगे डॉक्टर्स, नहीं करेंगे OPD में काम
कोलकाता: पश्चिम बंगाल के जूनियर डॉक्टर्स आज यानी शनिवार, 21 सितंबर से अपनी-अपनी ड्यूटी पर लौटेंगे। वे इमरजेंसी और जरूरी सेवाओं में आंशिक रूप से काम करेंगे। वहीं वे अब राज्य के बाढ़ प्रभावित जिलों में भी जाएंगे। हालांकि, OPD में वे फिलहाल काम नहीं करेंगे।
जानकारी हो कि कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में बीते 9 अगस्त को ट्रेनी डॉक्टर से दुष्कर्म-मर्डर के बाद जूनियर डॉक्टर्स पिछले 42 दिनों से हड़ताल पर थे। उन्होंने बीते 19 सितंबर को काम पर लौटने की घोषणा की थी। वहीं डॉक्टरों ने स्वास्थ्य भवन के बाहर धरना भी खत्म कर दिया है।
इस बाबत आंदोलन कर रहे जूनियर डॉक्टरों ने बीते शुक्रवार शाम को अपनी ‘काम बंदी’ वापस ले ली और आज यानी शनिवार से सरकारी अस्पतालों में आवश्यक सेवाएं देने के लिए आंशिक रूप से ड्यूटी पर लौटने की घोषणा की।
डॉक्टरों ने 42 दिनों से जारी गतिरोध को समाप्त करते हुए राज्य स्वास्थ्य विभाग के मुख्यालय से सॉल्ट लेक स्थित CBI कार्यालय तक मार्च निकालने के बाद अपनी हड़ताल वापस ले ली। वे स्वास्थ्य विभाग के मुख्यालय पर एक हफ्ते से अधिक समय से प्रदर्शन कर रहे थे। यह जुलूस ‘स्वास्थ्य भवन’ से शुरू हुआ और चार किलोमीटर की दूरी तय करके सीजीओ कॉम्प्लेक्स पर समाप्त हुआ। जुलूस के दौरान मामले की केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा जांच जल्द पूरी करने की मांग की गई।
डॉक्टरों ने कहा है कि वे बाह्य रोगी विभाग (ओपीडी) में काम नहीं करेंगे, लेकिन आपातकालीन और आवश्यक सेवाओं में आंशिक रूप से काम करेंगे। एक जूनियर डॉक्टर ने कहा, “आज हम अपनी ‘काम बंदी’ वापस ले रहे हैं। कल से हम आपातकालीन और आवश्यक सेवाओं से संबंधित कार्यों में आंशिक रूप से शामिल होंगे।”
उन्होंने कहा कि चिकित्सक राज्य के बाढ़ प्रभावित दक्षिणी जिलों में पहुंचेंगे और साथ ही डॉक्टर आर जी कर की स्मृति में ‘अभया’ क्लीनिक भी स्थापित करेंगे। एक अन्य प्रदर्शनकारी डॉक्टर ने कहा, “हालांकि, अगर (सरकार द्वारा) आश्वासन और वादे पूरे नहीं किए गए तो हम फिर से अपना आंदोलन शुरू करेंगे।”
दरअसल मुख्य सचिव मनोज पंत ने आंदोलनकारी जूनियर डॉक्टरों और राज्य कार्य बल के बीच बीते बुधवार को हुई बैठक के दौरान चर्चा किए गए मुद्दों के आधार पर स्वास्थ्य पेशेवरों की सुरक्षा और उनके लिए अनुकूल वातावरण बनाने के वास्ते निर्देश जारी किए और कहा कि इन आदेशों को तत्काल लागू किया जाए। इसके बाद डॉक्टरों ने अपनी हड़ताल वापस ले ली।