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आखिर पूरी हुई केजरीवाल की मांग, शुगर बढ़ने के बाद जेल में पहली बार…

नई दिल्ली. तिहाड़ जेल में बंद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का शुगर लेवल एक बार फिर हाई हो गया है, जिसके बाद उन्हें पहली बार इंसुलिन दी गई है। केजरीवाल का शुगर लेवल हाई हो रहा था जिसके बाद उन्हें इंसुलिन दी गई। गिरफ्तारी के बाद पहली बार उन्हें इंसुलिन दी गई है। केजरीवाल लंबे समय से डायबिटीज के मरीज हैं।

तिहाड़ के एक अधिकारी ने कहा, ‘अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के डॉक्टरों की सलाह पर केजरीवाल को सोमवार शाम को कम ‘डोज’ वाली इंसुलिन की दो यूनिट दी गईं।’ अधिकारी ने बताया कि शाम करीब सात बजे उनके ब्लड में शुगर की मात्रा 217 पाई गई, जिसके बाद तिहाड़ में उनकी देखभाल कर रहे डॉक्टरों ने उन्हें इंसुलिन देने का फैसला किया। उन्होंने बताया कि एम्स के विशेषज्ञों ने 20 अप्रैल को मुख्यमंत्री के साथ एक वीडियो कॉन्फ्रेंस के दौरान तिहाड़ के चिकित्सकों को सलाह दी थी कि अगर केजरीवाल के ब्लड में शुगर की मात्रा एक निश्चित स्तर से ऊपर चली जाती है तो उन्हें इंसुलिन दिया जा सकता है।

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इंसुलिन और प्राइवेट डॉक्टर से प्रतिदिन सलाह की मांग को लेकर कोर्ट का दरवाजा भी खटखटाया था। कोर्ट ने प्राइवेट डॉक्टर से दिखाने की मांग खारिज करते हुए एम्स को मेडिकल बोर्ड गठित करने का आदेश दिया था। आम आदमी पार्टी भी केजरीवाल के लिए इंसुलिन की मांग को लेकर लगातार आक्रामक थी। पार्टी का आरोप था कि मुख्यमंत्री के स्वास्थ्य को लेकर साजिश रची जा रही है और शुगर लेवल हाई होने के बावजूद इंसुलिन नहीं दी जा रही है।

आम आदमी पार्टी ने केजरीवाल को मिले इंसुलिन को हनुमान का आशीर्वाद बताया। पार्टी के एक्स हैंडल पर लिखा गया, ‘बजरंग बली की जय। आखिरकार BJP और उसके जेल प्रशासन को सद्बुद्धि आई और उन्होंने CM केजरीवाल को जेल में इंसुलिन दी। CM केजरीवाल का शुगर लेवल 320 तक पहुंच गया था। ये भगवान हनुमान के आशीर्वाद और दिल्लीवालों के संघर्ष से ही मुमकिन हो पाया है। हम लोग अपने मुख्यमंत्री तक इंसुलिन पहुंचा पाने में कामयाब हुए हैं।’ 

इससे पहले सोमवार को केजरीवाल ने तिहाड़ जेल के सुपरिंटेंडेंट को लेटर लिखकर कहा कि वह रोजाना इंसुलिन की मांग कर रहे हैं। केजरीवाल के इस लेटर से एक दिन पहले तिहाड़ प्रशासन ने बयान जारी कर कहा था कि उन्होंने 20 अप्रैल को केजरीवाल की एम्स के वरिष्ठ विशेषज्ञों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस की व्यवस्था की थी, जिस दौरान ना तो केजरीवाल ने इंसुलिन का मुद्दा उठाया और ना ही डॉक्टरों ने ऐसी कोई सलाह दी।

केजरीवाल ने आरोप लगाया कि राजनीतिक दबाव में तिहाड़ जेल प्रशासन झूठ बोल रहा है। मुख्यमंत्री ने जेल अधिकारियों के इस दावे को खारिज कर दिया कि उन्होंने डॉक्टरों के साथ परामर्श में कभी इंसुलिन का मुद्दा नहीं उठाया। उन्होंने लेटर में कहा, ‘यह झूठ है। मैंने 10 दिन तक हर दिन, कई बार इंसुलिन के मुद्दे को उठाया है। मेरे सामने जो भी चिकित्सक आए, उन्हें मैंने अपना उच्च शर्करा स्तर दिखाया। मैंने उन्हें दिखाया कि हर दिन तीन बार शुगर बढ़ता है और 250 से 320 के बीच रहता है।’

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