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बिहार में सूर्योपासना का महापर्व कार्तिक छठ संपन्न

पटना,  बिहार में आज उदीयमान सूर्य को अर्घ्य अर्पित करने के साथ ही सूर्योपासना का महापर्व कार्तिक छठ संपन्न हो गया।
बिहार में चार दिनों तक चलने वाले लोक आस्था का महापर्व ‘कार्तिक छठ 05 नवंबर को ‘नहाय खाय’ अनुष्ठान के साथ शुरू हुआ था। दूसरे दिन खरना पूजा संपन्न हुई। तीसरे दिन अस्त होते सूर्य को ‘पहला अर्घ्य’ दिया गया। छठ महापर्व के चौथे और अंतिम दिन आज राजधानी पटना समेत राज्य के अन्य हिस्सों में हजारों महिला और पुरुष व्रतधारियों ने उगते हुए सूर्य को अर्घ्य अर्पित किया। दूसरा अर्घ्य अर्पित करने के बाद श्रद्धालुओं का 36 घंटे का निराहार व्रत समाप्त हुआ और उसके बाद ही व्रतधारियों ने अन्न ग्रहण किया।
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने यहां एक अणे मार्ग स्थित अपने आवास पर लोक आस्था का महापर्व छठ के अंतिम दिन श्रद्धा के साथ उदीयमान भगवान भास्कर को अर्घ्य अर्पित किया तथा ईश्वर से राज्य एवं देशवासियों की सुख, शांति एवं समृद्धि के लिये प्रार्थना की।
औरंगाबाद जिले के ऐतिहासिक और पौराणिक स्थल देव में आज उदयाचल सूर्य को लाखो की संख्या में व्रतधारियों -श्रद्धालुओं द्वारा अर्ध्य अर्पित किए जाने के साथ ही चार दिवसीय छठ महापर्व संपन्न हो गया। देव के त्रेतायुगीन सूर्य मंदिर में आज तड़के से ही श्रद्धालु कतारबद्ध होकर भगवान भास्कर की पूजा अर्चना कर रहे हैं।लोक मान्यता है कि देव छठ व्रत करने तथा त्रेतायुगीन सूर्य मंदिर में पूजा अर्चना करने से श्रद्धालुओं की मनोवांछित कामनाएं पूरी होती हैं और इस मौके पर यहां भगवान भास्कर की साक्षात उपस्थिति की रोमांचक अनुभूति होती है ।
गया से प्राप्त समाचार के अनुसार छठ पूजा के अंतिम दिन अहले सुबह से ही श्रद्धालु शहर के केंदुई घाट, पिता महेश्वर घाट, राय बिंदेश्वरी घाट, मौर्याघाट, महादेव घाट, लक्खीबाग घाट सहित अन्य घाटों पर पहुंचे और भगवान भास्कर को अर्घ्य दिया।देखते ही देखते श्रद्धालुओं का जन सैलाब फल्गु नदी के विभिन्न घाटों पर उमड़ पड़ा। पूरे धार्मिक विधि विधान से लोगों ने पूजा-अर्चना कर भगवान भास्कर को अर्घ्य दिया और अपने परिवार की सुख, समृद्धि और शांति की कामना की।
डेहरी आन सोन से प्राप्त सूचना के अनुसार रोहतास जिले के डेहरी आन सोन में महापर्व छठ के चौथे दिन व्रतियों ने सोन नदी तट एवं पश्चिमी संयोजक नहर के विभिन्न घाटो पर भगवान सूर्य को अर्ध्य दिया।

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