हमर छत्तीसगढ़

प्रधानमंत्री नेहरू को आधुनिक भारत का निर्माता कहना अतिशयोक्ति नहीं है : पूर्व मंत्री कुरैशी

भिलाई । छत्तीसगढ राज्य के पूर्व मंत्री बदरूदीन कुरैशी ने देश के प्रथम प्रधानमंत्री पं0 जवाहर लाल नेहरू के 60वीं पुण्यतिथि के अवसर पर सेक्टर-9 चिकित्सालय एवं नेहरू नगर चौक में स्थापित आदमकद प्रतिमा में माल्यअर्पण कर 2 मिनट की मौन श्रद्धांजलि अर्पित किया। नेहरू के व्यक्तिव में व्यवहारिता और आदर्शवादिता दोनों गुणों का समन्वय था जो कि एक दुर्लभ गुण है, नेहरू के विचारों में पश्चिमी सभ्यता व आधुनिकता का समावेश था स्वभाविक है। लोकतंत्र के समर्थक पं. जवाहर लाल नेहरू संसद व कांग्रेस को साथ लेकर चलते रहे सन् 1952 में पं. नेहरू के नेतृत्व में देश का पहला आम चुनाव स्वस्थ लोकतंत्र की जो नीव रखी गई वह आज तक जारी है सन् 1950 के अंतरिम संसद में तथा 1952 से 1964 के बीच पहली, दूसरी, तीसरी लोकसभा में सदन के नेता के रूप में व्यक्तिगत उदाहरण प्रस्तुत करते हुए स्वस्थ परम्परा और उदाहरणों की नीव रखी नेहरू विपक्षी दलों को पूरा स्थान दिया करते थे। उनके आलोचनाओं के प्रति बहुत सवेदनशीलरहते थे। उन्होंने कहा था मैं नहीं चाहता की भारत ऐसा देश बने जहां लाखों लोग 1 व्यक्ति की हाँ में हाँ मिलाए मैं एक मजबूत विपक्ष चाहता हूं। सन् 1952 में खडकपुर में प्रथम आईआईटी की स्थापना कि इसके पश्चात मद्रास, बम्बई, कानपूर और दिल्ली में भी आईआईटी की स्थापना कि गई पं. नेहरू ने 1957 में बलवंत राय मेहता समिति का गठन किया इस समिति के स्थानीय स्तर पर विकेंद्रीय करण का समर्थन किया यह विकेंद्रीकृत व्यवस्था पंचायती राज के नाम से जानी गई और 1959 से विभिन्न राज्यों में लागू किया गया पं. नेहरू ने 1959 में राजस्थान के नागौर में स्वयं पंचायती राज का उदघाटन किया नेहरू को आधुनिक भारत का निर्माता कहना कोई अतिशयोक्ति नहीं है। कार्यक्रम में समयलाल साहू, आर.एस. शर्मा, अरूण सिंह, सुभद्रा सिंह, सोनाक्षी सिंह,डॉ रफीक, दीदार भाई, नईम बेग, रोहन सिंह, सतपाल सिंह, एल.आर. बावनकर, सुरेन्द्र पाण्डे, रोशन,.एम.मो. शाहीद, हार्दिक, एन.पी. तिवारी, एस.एस रेडडी, एम.एमलक, राजू उपस्थित थे।

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