स्वास्थ्य

मलेरिया के बुखार में खानपान का ध्यान है जरूरी, जानें किन चीजों को करें अवॉएड

25 अप्रैल को दुनियाभर में विश्व मलेरिया दिवस मनाया जाता है। मनाया जाता है। इस दिन को मनाने का एकमात्र उद्देश्य लोगों के बीच मच्छरों से होने वाली इस जानलेवा बीमारी से जागरुकता फैलाना है। मलेरिया मादा एनाफिलिस के काटने से फैलता है। मच्छरों के काटने से पैरासाइट ब्लडस्ट्रीम मे जाते हैं और रेड ब्लड सेल्स को संक्रमित कर देते हैं। जिससे तेज बुखार और शरीर में कंपकंपी होती है। इसके अलावा मलेरिया होने पर और भी लक्षण दिखते हैं। वैसे तो मलेरिया होने पर किसी खास डाइट को फॉलो करने की सलाह नहीं दी जाती। लेकिन बुखार के होने पर इन चीजों को खाने और कुछ चीजों को परहेज करने पर ट्रीटमेंट के साथ जल्दी ठीक होने में मदद मिलती है। 

मलेरिया बुखार के लक्षण
तेज बुखार
कंपकंपी के साथ ठंड लगना
बेचैनी महसूस होना
सिर दर्द
उल्टी, दस्त
पेट में दर्द
मसल्स और जोड़ों में दर्द
थकान
सांस की तेज गति
हार्टबीट बढ़ना
खांसी
कुछ लोगों को मलेरिया होने पर मलेरिया साइकल का अनुभव होता है। जिसमे ठंड और कंपकंपी के साथ तेज बुखार होता है और फिर पसीने के साथ तापममान सामान्य हो जाता है। मलेरिया बुखार के लक्षण मच्छर काटने के कुछ हफ्ते बाद शुरू होता है। 

मलेरिया बुखार होने पर खानपान में इन चीजों को खाएं
मलेरिया बुखार होने पर शरीर को कैलोरी और पोषक तत्वों की जरूरत बढ़ जाती है। शरीर का तापमान बढ़ने शरीर को कैलोरी की ज्यादा जरूरत महसूस होती है। ऐसे में 
हाई कार्बोहाइड्रेट डाइट लें और इन चीजों को खाएं जो पचने में आसान हो। साथ ही विटामिन ए और विटामिन सी रिच फूड्स खाएं।
चावल
चुकंदर
गाजर
पपीता
अंगूर
बेरीज
नींबू
संतरा
इन फलों को खाने से इम्यूनिटी बूस्ट होती है और शरीर डिटॉक्सिफाई होता है। जिससे ट्रीटमेंट के दौरान शरीर आसानी से रिकवर कर पाता है।

नट्स खाएं
मलेरिया होने पर शरीर को फाइटोन्यूट्रिएंट्स की जरूरत होती है। जिससे ऑक्सिडेटिव स्ट्रेस को कम किया जा सके। नट्स में फाइटोन्यूट्रिएंट्स की अच्छी मात्रा होती है। साथ ही हेल्दी फैट्स और प्रोटीन भी होता है। ऐसे में जब भी बुखार के दौरान कुछ खाने का मन करे तो नट्स को खा सकते हैं।

लिक्विड की मात्रा ज्यादा लें
बुखार के दौरान खाने की इच्छा कम होती है। ऐसे में लिक्विड इनटेक की मात्रा बढ़ा दें। ग्लूकोज पानी, फ्रेश फ्रूट जूस, कोकोनट वाटर, नींबू का शरबत, इलेक्ट्रॉल वाटर को लें। साथ ही पानी पीने के दौरान ध्यान रहे कि पानी उबला हुआ या स्टेरेलाइज्ड हो। इसके साथ ही राइस वाटर, पल्स वाटर, सूप, जैसे लिक्विड को भी डाइट में शामिल करें।

प्रोटीन की मात्रा बढ़ा दें
शरीर में टिश्यू के नुकसान की वजह से प्रोटीन की ज्यादा जरूरत होती है। जिसमे डाइट में हाई कार्बोहाइड्रेट के साथ हाई प्रोटीन रिकवर होने में मदद करती है। दही, लस्सी और बटरमिल्क पीना फायदेमंद हो सकता है।

मलेरिया के बुखार में इन चीजों का करें परहेज
गेहूं
मिलेट्स
सीड्स
बहुत हाई फाइबर फूड जैसे हरी पत्तेदार सब्जियां
पतले छिलके वाले फल
साबुत अनाज
हाई फैट फूड
मसालेदार फूड
हैवी फूड
कॉफी
चाय
कैफीनेटेड ड्रिंक

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