हमर छत्तीसगढ़

मनरेगा के तहत कूप निर्माण से मिली सिंचाई की सुविधा

अब धान के अलावा गेंहू, आलू, अरहर और मकई की फसल का लाभ भी ले पा रहे किसान राममिलन

अम्बिकापुर.

मनरेगा के तहत कूप निर्माण से मिली सिंचाई की सुविधा

 जिले के विकासखण्ड बतौली के ग्राम पंचायत मंगारी निवासी राममिलन वर्तमान में दोहरी फसल का लाभ ले पा रहे हैं और इसकी वजह है महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना। हितग्राही राममिलन द्वारा अपनी निजी भूमि पर मनरेगा से कुआं निर्माण कराया गया है। वे बताते हैं कि कूप निर्माण के बाद सिंचाई सुविधा मिलने से अब बारिश के पानी पर निर्भरता कम हो गई है, साथ ही फसल या सब्जियों की पैदावार के लिए साल भर पानी भी आसानी से अपने ही कुएं से मिलने लगा है। दैनिक कार्यों एवं सिंचाई में पानी की जरूरतें पूरी हो रही हैं। वे अपना अनुभव साझा करते हुए बताते हैं कि महात्मा गांधी नरेगा योजना के तहत हितग्राही मूलक कार्यों में कुआं निर्माण हेतु उन्होंने ग्राम पंचायत को आवेदन दिया था जिस पर ग्राम के तकनीकी सहायक द्वारा तकनीकी प्राक्कलन तैयार कर जनपद से जिले को भेजा गया और फिर वहां से कुएं के निर्माण के लिए उन्हें 2.99 लाख रुपए की राशि की स्वीकृति प्राप्त हुई। कुएं के निर्माण में कार्यक्रम अधिकारी संतोषी पैंकरा एवं तकनीकी सहायक शशांक सिंह का पूरा मार्गदर्शन और सहयोग मिला जिससे जल्दी ही कुएं का निर्माण कार्य पूरा हुआ। मनरेगा योजना से, जहां राममिलन को उनका आवश्यकता अनुरूप कुएं की सुविधा मिली, वहीं इस निर्माण कार्य से 600 मानव दिवस अर्जित हुए और मनरेगा श्रमिकों को भी रोजगार मिला।
राममिलन के पास 04 एकड़ जमीन जोकि असिंचित थी, अब सिंचाई का साधन कुआं मिलने से उपयोग में आने लगी है। वर्तमान में उनके द्वारा खेती कर अच्छी आय प्राप्त की जा रही है। वे बताते हैं कि उनको अब धान का थरहा खरीदना नहीं पड़ता, पानी की सुविधा के कारण समय से धान लगाते हैं। इससे पूर्व में गेंहू की खेती नहीं कर पाते थे। वर्तमान में गेंहू की खेती के साथ आलू, अरहर, एवं मकई आदि की खेती भी कर पा रहे हैं। शासन की योजना और प्रशासन की टीम के सहयोग से हुई सहूलियत के लिए राममिलन छत्तीसगढ़ शासन और जिला प्रशासन के प्रति आभार व्यक्त करते हैं।

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