व्यापार जगत

भारत की अर्थव्यवस्था की रफ्तार धीमी, IMF ने किया 6.2% ग्रोथ का अनुमान

अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने आज जारी अपनी नवीनतम विश्व आर्थिक परिदृश्य रिपोर्ट में बढ़ते व्यापार तनाव एवं अनिश्चितताओं का हवाला देते हुए वित्त वर्ष 2026 के लिए भारत के आ​र्थिक वृद्धि अनुमान को 30 आधार अंक घटाकर 6.2 फीसदी कर दिया। अमेरिका के राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप के दुनिया के कई देशों पर लगाए गए शुल्क के परिदृश्य में यह रिपोर्ट अहम है। 

बहुपक्षीय ऋण एजेंसी ने कहा, ‘वर्ष 2025-26 के लिए भारत का आ​र्थिक वृद्धि अनुमान 6.2 फीसदी पर अपेक्षाकृत स्थिर है। इसे खास तौर पर ग्रामीण इलाकों के निजी उपभोग से बल मिल रहा है। मगर आंकड़ा जनवरी 2025 की विश्व आर्थिक परिदृश्य रिपोर्ट के मुकाबले 0.3 फीसदी कम है। उच्च स्तर के व्यापार तनाव एवं वैश्विक अनिश्चितता के मद्देनजर ऐसा किया गया है।’

विश्व आर्थिक परिदृश्य रिपोर्ट में जोर देकर कहा गया है कि व्यापार तनाव बढ़ने के कारण नीतिगत अनि​श्चितता की ​स्थिति पैदा हो गई है। इससे वैश्विक वृद्धि परिदृश्य के बारे में कुछ भी अनुमान लगाना कठिन हो गया है।

आईएमएफ ने अपने संदर्भ अनुमान में कहा है कि वैश्विक वृद्धि 2024 में अनुमानित 3.3 फीसदी से घटकर 2025 में 2.8 फीसदी रह जाएगी जो जनवरी के अनुमान से 0.5 फीसदी कम है। उसके बाद 2026 में यह बढ़कर 3 फीसदी हो जाएगी जो पिछले अनुमान के मुकाबले 0.3 फीसदी कम है। इसमें लगभग सभी देशों के लिए आ​र्थिक वृद्धि अनुमान में कटौती की गई है। 

आईएमएफ ने कहा, ‘वृद्धि अनुमान में कटौती विभिन्न देशों में व्यापक आधार पर की गई है। इससे नए व्यापार उपायों के प्रत्यक्ष प्रभावों के अलावा व्यापार से जुड़ी हलचल, अनिश्चितता एवं खराब होती धारणा के जरिये उनके अप्रत्यक्ष प्रभावों का पता चलता है।’

आईएमएफ के अनुसंधान विभाग के आर्थिक सलाहकार एवं निदेशक पियरे-ओलिवियर गौरींचस ने कहा, ‘हम एक नए दौर में प्रवेश कर रहे हैं क्योंकि पिछले आठ वर्षों से संचालित वैश्विक आर्थिक प्रणाली को नए सिरे से निर्धारित किया जा रहा है।’ उन्होंने कहा कि नीतिगत अनिश्चितता में वृद्धि से मुख्य तौर पर आर्थिक परिदृश्य में बदलाव होता है। 

आईएमएफ की रिपोर्ट में कहा गया है कि निकट भविष्य में भारत की ​स्थिति अपेक्षाकृत अनुकूल होने के कारण 2025-50 के दौरान वृद्धि में महज 0.7 फीसदी की मामूली गिरावट दिख सकती है। मगर रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि 2050-2100 के दौरान गिरावट की रफ्तार तेज हो जाएगी। देश की आर्थिक समीक्षा में वित्त वर्ष 2026 के लिए भारत की जीडीपी वृद्धि दर 6.3 से 6.8 फीसदी रहने का अनुमान लगाया गया है। सांख्यिकी मंत्रालय ने वित्त वर्ष 2025 के लिए जीडीपी वृद्धि दर 6.5 फीसदी रहने का अनुमान लगाया है। इस महीने की शुरुआत में रिजर्व बैंक ने वित्त वर्ष 2026 के लिए जीडीपी वृद्धि अनुमान को घटाकर 6.5 फीसदी कर दिया था। 

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