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भारत अफ्रीकी व अन्य विकासशील देशों के साथ बुनियादी ढांचे पर साझेदारी को तैयार: सीतारमण

वाशिंगटन. केंद्रीय वित्त एवं कॉर्पोरेट मामलों की मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरूवार को यहां कहा कि भारत अफ्रीका और अन्य विकासशील देशों के साथ उनके बुनियादी ढांचे के लचीलेपन को मजबूत करने के लिए साझेदारी करने के वास्ते तैयार है।
श्रीमती सीतारमण ने यहां विश्व बैंक और आईएमएफ की वार्षिक बैठक 2024 के अवसर पर आपदा रोधी अवसंरचना पर गोलमेज सम्मेलन की अध्यक्षता की। गोलमेज सम्मेलन में जाम्बिया के वित्त मंत्री सितुम्बेको मुसोकोटवाने, भूटान के वित्त मंत्री ल्योंडो लेके दोरजी, मेडागास्कर के परिवहन एवं मौसम विज्ञान मंत्री वालेरी रामोनजावेलो, अंगोला के योजना मंत्री विक्टर ह्यूगो गिलहर्मे, कोमोरोस के वित्त मंत्री , कांगो की संसाधन मंत्री सादा मकुया सालुम, ज़ांज़ीबार की वित्त मंत्री आदि ने भाग लिया। इसमें इथोपिया की वित्त मंत्री, इक्वेटोरियल गिनी की वित्त, योजना और आर्थिक विकास मंत्री, यूएसएड पॉलिसी के प्रतिनिधि, अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के जलवायु परिवर्तन के प्रतिनिधि और फ्रांसीसी जलवायु दूत आदि भी मौजूद थे।
श्रीमती सीतारमण ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज की प्राकृतिक आपदाओं के खिलाफ लचीलापन और जलवायु परिवर्तन के अनुकूल हमारे बुनियादी ढांचे प्रणालियों को बदलने के लिए आपदा लचीला बुनियादी ढांचे के लिए गठबंधन सीडीआरआई बनाया। उन्होंने बुनियादी ढांचे और इसके द्वारा समर्थित महत्वपूर्ण सेवाओं के लिए जलवायु-प्रेरित जोखिमों को बढ़ाकर विकास लाभों को कम करने के खतरे पर जोर दिया।
उन्होंने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में भारत ने न केवल मजबूत बुनियादी ढांचे में निवेश करके, बल्कि राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय आपदा प्रबंधन एजेंसियों के निर्माण के माध्यम से संस्थागत क्षमता का निर्माण करके लचीला आर्थिक विकास सुनिश्चित किया है। उन्होंने कहा कि 2020 में चक्रवात अम्फान के दौरान, भारत ने समन्वित तरीके से 24 लाख से अधिक लोगों को निकाला, जिससे जानमाल का नुकसान कम हुआ।
इसके सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करने में भारत की प्रतिबद्धता को आश्वस्त करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि साझा चुनौतियों के प्रति वैश्विक दक्षिण को सहायता प्रदान की गयी है और भारत की जी 20 अध्यक्षता के तहत आपदा और जलवायु-लचीले बुनियादी ढांचे के प्रति प्रतिबद्धता बढ़ाने तथा आपदा जोखिम न्यूनीकरण के लिए मजबूत राष्ट्रीय वित्तीय ढांचे को प्राथमिकता देने के लिए एक आपदा जोखिम न्यूनीकरण कार्य समूह बनाया गया था।

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