पूछता है भारत चाइना वा दुबई से विकास की गति में भारत पीछे क्यों ??????
Arshad Khan
सलाना भरपूर इनकम टैक्स वा GST के बाद भी भारत में विकास की गति धीरे क्यों ?
World/India : भारत को आजाद हुवे 2023 में पूरे 76 साल हो गए है फिर भी भारत में आज कई गावों वा छोटे शहर बिजली,सड़क,पानी और बेसिक मूलभूत सुविधाओं से कोसों दूर है। इन 76 सालो में भारत के लोगो ने बहुत कुछ देखा महंगाई दिन बा दिन बढ़ते गई शिक्षा वा मेडिकल में भारत आज भी बहुत पीछे है कुछ रिपोर्ट्स की माने तो भारत शिक्षा वा मेडिकल में आज भी 100 से 120 वे नंबर पर है। भारत में लोग साल में 1 बार 5 तरीके का इनकम टैक्स भरते है जो क्रमाक 5%,10%,15%,20% और 30% है और भारत के लोग 5%,3%,12%,18%,24% 5 टाइप का GST भी पटाते है। GST वा इनकम टैक्स से भारत सरकार को हर साल 1.25 लाख करोड़ से लेकर 1.50 लाख करोड़ तक की कमाई होती है। फिर भी आज भारत शिक्षा और स्वास्थ्य में बहुत पीछे है इसका उद्धरण करोना काल में भारत वासियों को देखने को मिला। जहा हजारों – लाखो लोगो को भारी अव्यवस्था के कारण अपनी जान तक गवानी पड़ी। चुनाव जीतने के लिए सभी पार्टियां लाखो,करोड़ों वा अरबों रुपए की घोषणाएं करती है इन्ही घोषणाएं के झांसे में आकर भारत देश की जनता सरकारें भी बना देती है क्योंकि सरकार तो चुनना ही है। लेकिन चुनाव जीतने के बाद क्या होता है आपको और हमे सब पता है 50% वादे पूरे होते है और 50% आधे – अधूरे रह जाते है फिर 5 साल बाद वही घोषणाएं होती है और फिर वही सब काम आधा – अधूरा खेर दुख तो होता है लेकिन क्या करे भारत से प्यार जो है।
इतने खनिज के बावजूद भारत पीछे क्यों
लेकिन मन में एक टीस हमेशा रहती है की इतना बड़ा भारत और भारत में इतने सारे खनिज जैसे कोयला,लोहा,मैगनीज़,बॉक्साइट,रेत खनन,गिट्टी,मार्बल,ग्रेनाइट,स्टोन अभ्रक इत्यादि। दूसरे खनिज जैसे फेल्सपार,क्लोराइड, चूनापत्थर, डोलोमाइट, जिप्सम इत्यादि के मामले में भारत में इनकी स्थिति संतोषप्रद है। इन सब से भारत सरकार को अरबों – खबरों रुपए का टैक्स वा GST मिलता है ये तो भारत सरकार की कमाई का एक हिस्सा है।
टैक्स के अलावा भी सरकार की कमाई के दर्जनों रास्ते हैं. आप सरकार की जो सेवाएं इस्तेमाल करते हैं उनकी इनकम जैसे बिजली,पेट्रोल,डीजल,केरोसिन,टेलिफोन,गैस वा अन्य जैसे बिल में एक छोटा सा हिस्सा है जिससे सरकार को अच्छी खासी कमाई होती है. तमाम चीज़ों पर मिलने वाली रॉयल्टी, लाइसेंस फीस,राज्य सरकारों को दिए कर्ज पर मिलने वाला ब्याज,रेडियो टीवी के लाइसेंस,सड़कों वा पुलों का टोल टैक्स,पासपोर्ट,वीज़ा वगैरह की फीस भी सरकार की आमदनी का एक बेहद जरूरी हिस्सा है। भारत वासी जो बैंकों से लोन लेते है उसका ब्याज भी कही ना कही सरकार के खाते में ही जाता है जो करोड़ों – अरबों में पहुंचता है
Photo by Google
इन सबके बाद भी चाइना पर निर्भर क्यों ?
अब बात करते है सिक्के के दूसरे पहलू की इन सबके बावजूद भी भारत जैसा महान वा विशाल देश चाइना पर निर्भर क्यों है। अगर हम बात करे तो आप लोग भी जानते है की आज भारत में जितने भी घर के समान,विद्युत मशीनरी,सेल फोन,भारी मशीनरी,दूरसंचार उपकरण,बिजली उपकरण,प्लास्टिक के खिलौने,कपड़े,फर्नीचर,उर्वरक,खाद्य पदार्थ और फार्मा समाग्री जैसे समानो पर आज हम लगभग चाइना पर निर्भर है। आज भारत के मार्केट में इन समानों की हिस्सेदारी 70 से 80% तक की है एक चाइना की झालर लाइट से लेकर सोफा वा पलंग हो या मोबाइल फोन हो या फिर खाने पीने का समान हो या फिर हम बात करे बच्चों के खिलौनों तक की ये सब भारत के घरों की कही ना कही रौनक बढ़ाते है और वो भी बहुत कम कीमतों मैं खेर…………
और अब आगे बात करते है हम Infrastructure की infrastructure की बात करे तो हम चाइना वा दुबई जैसे शहरों से बहुत पीछे है। इन जैसे देशों के पास बढ़िया रोड़े,पुल,शानदार बिल्डिंग इस्ट्रक्चर,साफ सफाई की व्यवस्था वा कानून की पकड़,रेल,मेट्रो,बसों का सफल संचालन वा मनोरंजन की अनेक सुविधाएं और सबसे महत्पूर्ण बात विदेश से आए महमानो वा इन शहरों में रहने वालों के मनोरंजन के लिए अनेक सुविधाएं यहाँ की गवर्नमेंट मुहैया करवाती है। जैसे बेहतर 3,4,5 वा 7 स्टार लग्जरियस होटल वा रिजॉर्ट हों बहेतर शॉपिंग मॉल,रेस्टोरेंट,cafe हो जहा खाने के साथ साथ सेलानियो को म्यूजिक DJ के साथ साथ Wine वा Hukka की भी सुविधा मिल रही है वो भी सब लीगल और टेंशन मुक्त। जिसके कारण भारत से बहुत बड़ा सेलानियो का तबका दुबई,बैंकॉक,चाइना,पटाया,थाईलैंड जैसे जगह घूमने जा रहे है। और इन जगाहों में वेश्यावृत्ति सरकारों ने लीगल कर रखी है तभी भारत से एक तबका इसलिए भी इन जगहों में घूमने वा मनोरंजन करने यहां जा रहे है और इनके साथ साथ बड़ी रकम भी यहां खर्च करने में कंजूसी नहीं कर रहे है। इन सभी वा तमाम चीजों से वहा की गवर्नमेंटों को करोड़ों – अरबों की भारी भरकम कमाई होती हैं इन्ही खजानों से वहा की सरकारें अपने देशों को आगे बढ़ा रही है। और दूसरी जगह भारत है जहां इन सबके लिए भारी रोक टोक है जिसके कारण भारतवासी विदेशो में घूमने के लिए मजबूर है।
क्या भारत इस और कभी ध्यान दे पाएगा या फिर हम भारतवासी महंगे इनकम टैक्स,GST, रोड टैक्स जब हम 4 व्हीलर गाड़ी लेते हैं तो RTO को रोड टैक्स देते है फिर भी उसके बाद सरकार हमसे लगातार रोड में गाड़ी चलाने के लिए टोल टैक्स भी लेती है खेर…. फिर नगर निगम का tax जहां घर बनने से लेकर मरने(death ) तक हम को टैक्स पटाना पड़ता है पानी पीने का टैक्स से लेकर साफ सफाई का खर्चा तक हम को देना पड़ता है इस सबके बाद भी सुविधा के नाम से हमे क्या मिला सोचिएगा जरूर
अरशद खान की कलम से