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बच्चों के दिमाग को तेज करना है तो जरूर खिलाएं ये खेल

हर माता-पिता अपने बच्चे को कामयाब होते देखना चाहते हैं। इसके लिए वो बचपन से ही बच्चों को तैयार करते हैं। लेकिन बच्चे की ग्रोथ के लिए केवल उसे अच्छी शिक्षा देना या लगातार पढ़ाते रहना जरूरी नही है। बच्चों को कामयाब बनाने के लिए उनके दिमागी विकास पर पूरा ध्यान देना जरूरी है। जिससे कि वो चीजों को आसानी से याद रख सकें और समझ सकें। इसके लिए जरूरी है कि बच्चों को नई स्किल बचपन से ही सिखाएं। इससे बच्चों का दिमाग तेजी से डेवलप होता है। बच्चों को इन स्पोर्ट्स की प्रैक्टिस करवाने से तेजी से ब्रेन डेवलप होने में मदद मिलती है। 

स्विमिंग
बच्चों को बचपन से ही स्विमिंग सिखाएं। इससे बच्चों में कई स्किल एक साथ डेवलप होती है। स्विमिंग करने की वजह से बच्चों को अपनी सांसों पर कंट्रोल करना आता है। जो कि उन्हें गुस्से को कंट्रोल करने में मदद करेगा। इसके अलावा बच्चे बिना स्ट्रेस महसूस किए कठिन परिस्थितियों में भी काम कर सकेंगे।

जिम्नास्टिक्स
जिम्नास्टिक्स बच्चों को फ्लैक्सिबल और मजबूत बनाता है। यहीं नहीं जिम्नास्टिक्स बच्चों में धैर्य रखने का गुण पैदा करता है। जिससे बच्चे खुद पर कंट्रोल रख पाते हैं। 

टेबल टेनिस या बैडमिंटन
रैकेट से खेले जाने वाले खेल बच्चों को कलाईयों और उंगलियों का सही इस्तेमाल सिखाते हैं। साथ ही बच्चों का कॉर्डिनेशन अच्छा होता है। रैकेट खेलते वक्त वो हाथ और आंखों के बीच बैलेंस करना सीखते हैं। जिससे बच्चे लिखते समय इस स्किल की मदद ले सकते हैं।

फील्ड में दौड़कर खेले जाने वाले गेम
बच्चों को अगर आप हर दिन फील्ड में दौड़कर बास्केटबॉल या कोई और गेम खिलाते हैं। तो इससे बच्चों का स्टेमिना अच्छा होता है। स्टेमिना दिमाग की एकाग्रता बढ़ाने के लिए भी जरूरी होता है। 

चेस
चेस दिमाग का गेम है और इसे बचपन से अगर बच्चों को खिलाया जाए। तो बच्चों का दिमाग ज्यादा तेजी से काम करता है और वो ज्यादा सोचने की क्षमता पैदा कर लेते हैं। इसलिए बच्चों को उनकी रुचि और जरूरत के मुताबिक इनमे से कोई भी स्पोर्ट्स एक्टीविटी करवा सकती हैं। 

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