वैशाख अमावस्या पर इन 5 में से नहीं किए कोई भी 1 काम, पितर होंगे नाराज, दे सकते हैं श्राप
इस साल की वैशाख अमावस्या 8 मई दिन बुधवार को है. वैशाख अमावस्या के अवसर पर लोग पवित्र नदियों में स्नान करते हैं, उसके बाद दान करते हैं. इससे पुण्य लाभ होता है. वैशाख अमावस्या के दिन अपने पूर्वजों यानी पितरों को प्रसन्न करने के लिए कई काम करते हैं, कुछ ज्योतिष उपाय भी करते हैं, ताकि पितृ दोष न लगे. जिस तरह से वैशाख अमावस्या पर कुछ काम को करने की मनाही है, उसी तरह से कुछ कार्यों को करना जरूरी होता है. यदि आप वो काम नहीं करते हैं तो आपके पितर नाराज होकर आपको श्राप भी दे सकते हैं.
वैशाख अमावस्या पर जरूर करें ये 5 काम
1. स्नान और जल दान
वैशाख अमावस्या के दिन हर व्यक्ति को स्नान के बाद दान जरूर करना चाहिए. इस माह में स्नान और दान करने का विशेष महत्व है, वैसे भी अमावस्या और पूर्णिमा का स्नान-दान पुण्य फलदायी माना जाता है. वैशाख अमावस्या के अवसर पर आप जल का दान करें. जल के दान से आपका कल्याण होगा. जल दान का अर्थ यह है कि आप प्यासे लोगों को पानी पिलाएं या पीने के पानी की व्यवस्था करा दें. स्नान के बाद पितरों को भी जल से तर्पण दें, वे खुश होकर आशीर्वाद देंगे. कहा जाता है कि पितृ लोक में जल की कमी होती है, इसलिए उनको जल अर्पित करते हैं ताकि वे तृप्त हों. जो ऐसा नहीं करता है, उसके पितर नाराज हो जाते हैं.
2. पशु-पक्षियों के लिए दाना-पानी
वैशाख अमावस्या के दिन गाय, कौआ, कुत्ता, चिड़िया आदि के लिए भोजन और पानी का प्रबंध करें. गाय, कौआ और कुत्ता के लिए पंचबलि कर्म में स्थान दिया गया. यदि वे दाने और पानी से तृप्त होते हैं तो आपके पितर भी खुश होते हैं. मान्यता है कि इन जीवों के माध्यम से पितर जल और अन्न ग्रहण करते हैं
3. पितरों के देव अर्यमा की पूजा
पितरों के देवता अर्यमा हैं. वैशाख अमावस्या के दिन आपको अर्यमा की पूजा करनी चाहिए. जब वे प्रसन्न होते हैं तो पितरों को मुक्ति प्रदान करते हैं. नहीं तो पितर पितृ लोक में ही रहते हैं, उनको मोक्ष नहीं मिल पाता है.
4. पितृ स्तोत्र पाठ या श्रीमद्भागवत कथा का श्रवण
वैशाख अमावस्या के दिन आप पितरों को खुश करने के लिए पूजा के समय पितृ स्तोत्र का पाठ करें. आप चाहें तो उस दिन श्रीमद्भागवत कथा का श्रवण कर सकते हैं. भागवत कथा का श्रवण करने से पितृ दोष से मुक्ति मिलती है. वैशाख अमावस्या पर आप भगवान विष्णु की पूजा करें और पितृ दोष से मुक्ति का प्रार्थना कर सकते हैं.
5. पितरों के लिए दान
वैशाख अमावस्या के अवसर पर आपको अपने पितरों के निमित्त दान करना चाहिए. इसमें खासतौर पर आप सफेद वस्त्र, बेड, गाय का घी बर्तन सहित, गाय या गोवंश, अन्न, जमीन, सोना, गुड़, नमक, छाता आदि अपनी क्षमता के अनुसार दान कर सकते हैं.