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पथरी के साथ गालब्लैडर भी निकाल दिया गया तो बीमार होने से बचने के लिए इन बातों का रखें ध्यान

बहुत सारे लोगों को पित्त की थैली में पथरी की शिकायत होती है। जिसके इलाज के तौर पर अक्सर डॉक्टर पित्ताशय यानी गालब्लैडर को ही बाहर निकाल देते हैं। जबकि गालब्लैडर लिवर से निकलने वाले बाइल को इकट्ठा करने और खाने को पचाने में मदद करता है। लेकिन पित्ताशय के निकलने के बाद अक्सर लोगों को पेट दर्द, हमेशा बीमार रहने और ब्लोटिंग जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। ऐसे में खुद को बीमार होने से रोकने के लिए इन बातों का ध्यान रखना जरूरी है।

पित्ताशय ना होने पर क्या समस्याएं होती हैं

पित्ताशय के ना होने पर इन समस्याओं का सामना करना पड़ता है।

फैटी फूड के प्रति ज्यादा संवेदनशीलता जिसकी वजह से ये दिक्कतें होती हैं।

गालब्लैडर निकलने पर क्यों होती है दिक्कत

दरअसल, गालब्लैडर निकलने के बाद खाने को पचाने वाले एंजाइम बाइल को इकट्ठा होने की कोई जगह नहीं बचती। जिसकी वजह से लंबे समय में डाइजेशन पर बुरा प्रभाव पड़ता है। ऐसे में गालब्लैडर के निकलने के बाद इस तरह की सावधानियां रखना जरूरी है। जिससे कि समस्या का समना ना करना पड़े।

गालब्लैडर निकलने के बाद इस तरह रखें ख्याल

ऐसी दवाओं को खाएं जिसमे डाइजेस्टिव एंजाइम्स हो जो खाने के जरिए पहुंचे फैट को तोड़ने और शरीर को एनर्जी देने में मदद करे।

बाइल एसिड सप्लीमेंट्स का इस्तेमाल करें। जो फैट को आसानी से पचा सके।

लो फैट डाइट लेने की कोशिश करें। किसी भी तरह के डाइजेस्टिव समस्याओं से बचना है तो कम से कम फैटी फूड को खाने की कोशिश करें।

छोटी-छोटी मात्रा में खाएं

एक बार में ढेर सारा खाने की बजाय थोड़ी-थोड़ी देर में खाएं। जिससे बाइल के फ्लो को मैनेज किया जा सके और डाइजेशन भी आसान हो जाए।

फाइबर की मात्रा ज्यादा लें जब डायरिया की शिकायत रहती हो। फाइबर शरीर में एक्सेस बाइल को सोखने का काम करेगा और डायरिया की समस्या कम होगी।

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