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कांग्रेस प्रत्याशी दीप्ति दुबे, BJP प्रत्याशी और निगम की तेज-तर्रार नेत्री मीनल चौबे पर कितना भारी?

रायपुर: प्रदेश कांग्रेस कार्यालय राजीव भवन में देर रात तक मंथन करने के बाद निकाय चुनाव के लिए प्रत्याशियों की घोषणा कर दी गई है। रायपुर नगर निगम पर पूर्व महापौर और वर्तमान सभापति प्रमोद दुबे की पत्नी दीप्ति दुबे को महापौर प्रत्याशी बनाया गया है। इसके बाद स्पष्ट हो गया है कि रायपुर में निगम की नेता प्रतिपक्ष रही मीनल चौबे और पूर्व मेयर प्रमोद दुबे की पत्नि दीप्ति दुबे के बीच मुकाबला होगा। लेकिन अब अहम् सवाल यह है कि आखिर दिप्ती दुबे निगम की तेज तर्रार नेत्री मीनल चौबे पर कितना भारी पड़ेगी?

कांग्रेस ने रायपुर नगर निगम के लिएदीप्ति दुबे को मेयर प्रत्याशी बनाया है। दीप्ति दुबे निवर्तमान सभापति और रायपुर के पूर्व मेयर प्रमोद दुबे की पत्नी है। पेशे से वे साइकोलाजिस्ट हैं और एक मेंटल हेल्थ क्लीनिक चलाती है। दीप्ति दुबे ने मास्टर्स इन साइकोलॉजी के साथ एमए हिंदी साहित्य की पढ़ाई की है। वर्तमान में पीएचडी भी कर रही हैं। पत्रकारिता में डिप्लोमा होने के साथ-साथ वह मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता के क्षेत्र में काम करती हैं।

दीप्ति दुबे कांग्रेस की सक्रिय सदस्य हैं। उन्होंने पार्टी के सक्रिय सदस्य के रूप में पार्टी के विभिन्न कार्यक्रमों में भाग लिया है। रायपुर महापौर पद के लिए अपनी दावेदारी पेश करते हुए दीप्ति दुबे ने अपनी प्राथमिकताएं स्पष्ट की है। उन्होंने कहा, “रायपुर को शिक्षा, स्वास्थ्य और सामाजिक कल्याण के क्षेत्र में नई ऊंचाइयों पर ले जाना मेरा लक्ष्य है. हर नागरिक को बुनियादी सुविधाओं के साथ एक समृद्ध और सुरक्षित वातावरण देना मेरी प्राथमिकता होगी।”

गौरतलब हो कि छत्तीसगढ़ में 20 जनवरी से आचार संहिता लागू है। नगरीय निकाय चुनाव के लिए नामांकन प्रक्रिया 28 जनवरी को पूर्ण हो जाएगी। इसके बाद नाम वापसी की अंतिम तिथि 31 जनवरी है। नगरीय निकाय चुनाव के लिए वोटिंग 11 फरवरी को होगी और परिणाम 15 फरवरी को घोषित होगा। इस बार नगरीय निकाय चुनाव इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) के माध्यम से कराए जाएंगे।

मीनल पर कितनी भारी दीप्ति

सबसे महत्वपूर्ण सवाल है कि पूर्व मेयर और निर्वतमान सभापति की पत्नि दीप्ति दूबे बीजेपी से नगर निगम की तेज तर्रार नेत्री मीनल चौबे पर कितना भारी साबित होंगी। सत्ताधारी बीजेपी के लिए रायपुर मेयर का चुनाव प्रतिष्ठा का प्रश्न होगा क्योंकि राजधानी की चारों विधानसभा सीटों पर बीजेपी की कब्जा है। राज्य में बीजेपी की सत्ता है और पार्टी रायपुर सीट जीतने के लिए हर संभव कोशिश करेगी। ऐसे में दीप्ति दुबे के लिए राह बहुत आसान होगी ऐसा नही लगता।

लेकिन मेयर और सभापति के रूप में प्रमोद दुबे ने रायपुर में अपनी एक छवि बनाई है। उस छवि और मेयर के रूप में उनके कामों का लाभ दीप्ति दुबे को मिलेगा। लेकिन घोषित तौर पर महिला कांग्रेस ने ऐलान किया था कि वे किसी नेता की पत्नि को उम्मीदवार के रूप में स्वीकार नही करेंगी। ऐसे में पार्टी द्वारा घोषित प्रत्याशी दीप्ति दुबे को कांग्रेस की महिला नेत्रियों का पूरा साथ मिलेगा यह देखने वाली बात होगी। वहीं दूसरी तरफर रायपुर में आधा दर्जन खेमे में बंटी कांग्रेस पार्टी के सभी दिग्गज एक होकर प्रमोद दुबे की पत्नि दीप्ति दुबे की जीत के लिए पूरी ताकत लगायेंगे? अगर ऐसा हुआ तो मुकाबला दिलचस्प होगा।

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