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ईरान और पाक के झगड़े का कैसे चीन ने उठा लिया फायदा, अब सुलह कराकर बढ़ाएगा कद

बीजिंग इस्लामाबाद. इस्लामिक देशों ईरान और पाकिस्तान के बीच पिछले सप्ताह अप्रत्याशित तौर पर झगड़ा बढ़ गया था। ईरान ने पाकिस्तान के बलूचिस्तान में मिसाइलें दागकर जैश अल-अदल नाम के आतंकी संगठन के ठिकाने ध्वस्त करने की बात कही थी। इसके अगले ही दिन पाकिस्तान ने ईरान की जमीन पर अटैक किया था। दोनों तरफ से राजदूतों को वापस बुला लिया गया था। लेकिन अब एक सप्ताह के अंदर ही तस्वीर बदल गई है। ईरान और पाकिस्तान इस्लामी एकता की दुहाई देते हुए जंग न बढ़ाने की बात कर रहे हैं। ईरान के विदेश मंत्री हुसैन आमिर अब्दुल्लाहियान 29 जनवरी को पाकिस्तान का दौरा करने वाले हैं। 

इसके अलावा दोनों देशों के राजदूतों के भी 26 जनवरी के बाद से काम शुरू करने की उम्मीद है। इस तरह दोनों देश कुछ दिनों के तनाव के बाद ही फिर साथ आते दिख रहे हैं, लेकिन इस पूरे मामले में सबसे ज्यादा फायदा चीन को ही होता दिख रहा है। चीन ने ईरान और पाकिस्तान के बीच उपजे तनाव का फायदा उठाते हुए अपना कद बढ़ा लिया है। चीन का दावा है कि उसकी मध्यस्थता के चलते ही यह संभव हो सका है। चीन ने सोमवार को कहा कि वह ईरान और पाकिस्तान दोनों के ही संपर्क में है ताकि उनके मतभेदों को खत्म किया जा सके। चीन के उप-विदेश मंत्री सुन वेइडोंग मध्यस्थता मिशन पर पाकिस्तान के दौरे पर भी गए थे। 

चीन के उप-विदेश मंत्री मध्यस्थता के लिए पाक भी गए

चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने कहा कि ईरान और पाकिस्तान दोनों ही हमारे पड़ोसी हैं और अच्छे मित्र भी हैं। उन्होंने कहा कि हम वैश्विक शांति और स्थिरता के पक्षधर हैं। इसी के मद्देनजर दोनों देशों में पैदा हुए मतभेदों को दूर करने के प्रयास चीन ने किए हैं। यही नहीं खबर है कि चीन के उप-विदेश मंत्री ने ईरान के अपने समकक्ष अली बाघेरी कानी से फोन पर बात भी की। दोनों के बीच यह बातचीत हवाई हमलों के ठीक बाद हुई थी। बता दें कि इस विवाद के पैदा होने के तुरंत बाद से ही चीन सक्रिय हो गया था और अब उसकी पहल पर एकता होती दिख रही है।

भारत के लिए भी सतर्क होने का मौका

इस तरह चीन ने ईरान और पाक के बीच अपना कद बढ़ा लिया है। इससे पहले उसने ईरान और सऊदी अरब के बीच भी एकता में रोल अदा किया था। ईरान के भारत से भी मधुर संबंध रहे हैं और दोनों देश रणनीतिक चाबहार बंदरगाह पर काम करते रहे हैं। ऐसे में चीन की ईरान से यह करीबी भारत को भी सतर्क करने वाली है।

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