व्यापार जगत

चालू वित्त वर्ष में करीब आठ फीसदी रह सकती है विकास दर

उद्योग और सेवा क्षेत्रों की गतिविधियों में तेजी से चालू वित्त वर्ष में देश की आर्थिक वृद्धि दर करीब आठ फीसदी रह सकती है। मुख्य आर्थिक सलाहकार (सीईए) वी अनंत नागेश्वरन ने कहा, सांख्यिकी मंत्रालय का अनुमान 7.6 फीसदी है। लेकिन, विकास दर इससे ज्यादा होगी।

नागेश्वरन ने मंगलवार को कहा, जब तक चौथी तिमाही के जीडीपी के आंकड़े उस गति से बहुत कम नहीं हो जाते जो हमने पहली तीन तिमाहियों में देखी है, तो वृद्धि दर 7.6 फीसदी के बजाय 8 फीसदी के करीब होगी। हालांकि, उत्साह के आगे झुके बिना लक्ष्य की ओर सिर झुकाकर काम करने की जरूरत भी है। उन्होंने कहा, एक देश के रूप में हमें महसूस करना चाहिए कि हम लंबी अवधि के लिए काम कर रहे हैं, न कि छोटी अवधि के लिए। चालू वित्त वर्ष के लिए उद्योग और सेवाओं में वृद्धि दिख रही है। देरी व अनियमित मानसून के कारण कृषि क्षेत्र की विकास दर पर असर देखने को मिल सकता है। 

11 अरब डॉलर पहुंच सकता है चालू खाता घाटा

देश का चालू खाता घाटा 2023-24 की तीसरी तिमाही यानी अक्तूबर-दिसंबर में बढ़कर 11 अरब डॉलर या जीडीपी का 1.2 फीसदी तक पहुंच सकता है। रेटिंग एजेंसी इंडिया रेटिंग्स ने यह अनुमान जताया है। जुलाई-सितंबर तिमाही में चालू खाता घाटा एक फीसदी रहा था, जबकि 2022-23 में दो फीसदी रहा था।

Show More

Related Articles

Back to top button