हमर छत्तीसगढ़

हर विवाद का हल बातचीत से हो सकता है, मुस्लिमों के जुलूस में सभी धर्म के लोग आ सकते हैं: अशरफ

  • पैगबंरे इस्लाम के वंशज ने कहा- कुछ लोगों से ही माहौल खराब होता है
    सिटी रिपोर्टर |
    रायपुर. किसी भी धर्म या जाति का मामला हो वो बातचीत से सुलझाया जा सकता है। देश में कई ऐसे मामले आए जिसमें सभी ने सुप्रीम या अन्य कोर्ट के फैसले का सम्मान करते हुए उसका अक्षरश: पालन किया। कुछ ही लोग होते हैं जो नहीं चाहते मामला सुलझे नहीं। ऐसे लोगों की पहचान खुद से ही करना होगा। जश्ने ईद मिलादुन्नबी का जुलूस भले ही मुस्लिम समाज ने निकाला था। लेकिन इसमें सभी धर्म के लोग शामिल हो सकते हैं। इससे किसी को इंकार नहीं है। सरकारे दो आलम पूरी दुनिया के लिए रहमत बनकर आए हैं। यही वजह है कि देश के सभी समाज के लोगों के जुलूस में दूसरे धर्म के लोग भी उनका स्वागत करते हैं। ये भारत की परंपरा है। पैगबंरे इस्लाम के वंशज और अशरफे सिमना एकेडमी के चेयरमैन हजरत सैय्यद अबू अल हसन मोहम्मद अशरफ अशरफी जिलानी किछौछा उत्तरप्रदेश ने ये बातें खास बातचीत में बताई।
    जश्ने ईद मिलादुन्नबी का नेतृत्व करने के लिए वे खास उत्तरप्रदेश से रायपुर आए थे। उन्होंने कहा कि इस्लाम में रहने वाले लोगों को अपनी जिंदगियों को रसूल के बताए नसीहतों में ढालना चाहिए। क्योंकि सरकार दो आलम ने भी अपनी हयाते जिंदगी में इंसानियत की खिदमत का पैगाम दिया है। इस तरह के जुलूस का मकसद ये नहीं होता कि केवल जुलूस ही निकाला जाए। इससे यह संदेश दिया जाता है कि वे सब पैगंबरे इस्लाम से मोहब्बत रते हैं। उनकी अहमियत बताई जाती है साथ ही खुद को इमान को भी ताजा करते हैं। 1442 साल बाद भी अपने नबी के लिए हर मुस्लिम के दिल में उतनी ही मोहब्बत और अदब है।

इंसानियत का दिया संदेश –
जश्ने ईद मिलादुन्नबी के अवसर पर बुधवार को सीरत मैदान में मुफ्ती मोहम्मद अख्तरुल कादरी साहब की तकरीर हुई। वे खासतौर पर मुंबई से कार्यक्रम में शामिल होने के लिए रायपुर पहुंचे। उन्होंने कहा कि पैगबंरे इस्लाम ने हमेशा इंसानियत का ही पैगाम दिया। उन्होंने कभी किसी को कोई तकलीफ नहीं पहुंचाने की बात की है। इसलिए मुस्लमानों को उनके बताए रास्ते पर ही चलना चाहिए। शहर सीरतुन्नबी कमेटी के अध्यक्ष मोहम्मद मुख्तार अशरफी ने बताया कि 20 सितंबर को सीरत मैदान में ही रात 9 बजे से ऑल इंडिया नातिया मुशायरा का आयोजन किया जाएगा। इसमें महबूब गौहर इस्लामपुरी बिहार, जौहर मुजफ्फरपुरी बिहार, शहबाज रजा नूरी कोलकाता, साजिद रजा साजिद हजारी बाग बिहार, कैशर जबलपुरी, डॉ. जहीर रहबर रायपुर, रमजान अख्तर रायपुरी और युसूफ अशरफी रायपुरी शामिल होंगे। 21 सितंबर को महिलाओं के लिए और 22 सितंबर को बच्चों के लिए नातिया और क्विज प्रतियोगिता का आयोजन किया जाएगा।”

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