व्यापार जगत

गोल्ड की कीमतों में 3500 रुपए की गिरावट, 75 हजार रुपए के स्तर पर पहुंची कीमतें

जब से डोनाल्ड ट्रंप को जीत हासिल हुई है, तब से डॉलर इंडेक्स में लगातार मजबूती देखने को मिल रही है. जिसका असर इंटरनेशनल मार्केट से लेकर डॉमेस्टिक मार्केट तक में देखने को मिल रहा है. लोकल मार्केट की बात करें तो गोल्ड की कीमतें 5 सितंबर के बाद से 4.44 फीसदी तक टूट चुकी हैं. वहीं दूसरी ओर इंटरनेशनल मार्केट में गोल्ड के दाम 5 फीसदी तक टूट चुके हैं. जानकारों का अनुमान है कि डॉलर इंडेक्स साल के अंत तक 107 का लेवल छू सकता है. इसका मतलब है कि इंटरनेशनल मार्केट में गोल्ड की कीमतों में और ज्यादा दबाव देखने को मिलेगा और इंटरनेशनल मार्केट में गोल्ड 2300 डॉलर तक पर देखने को मिल सकता है.

इसका मतलब है कि भारत के वायदा बाजार में गोल्ड के दाम 70 हजार रुपए के लेवल पर देखने को मिल सकता है. वहीं दूसरी ओर जानकारों का कहना है कि गोल्ड को की कीमतों में उछाल लाने वाला कोई दूसरा ट्रिगर दिखाई नहीं दे रहा है. ना ही इंटरनेशनल मार्केट में और ना ही डॉमेस्टिक में डिमांड में कोई तेजी की संभावना दिखाई दे रही है. यही वजह से साल के अंत तक गोल्ड की कीमतें 70 हजार रुपए के लेवल पर दिखाई दे सकती हैं. आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर मौजूदा समय में गोल्ड के दाम किस लेवल पर देखने को मिल रहे हैं और आने वाले दिनों में गोल्ड ​के दाम कितने पर दिखाई दे सकते हैं.

5 नवंबर के बाद 4.44% की कमी
देश के वायदा बाजार मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज पर गोल्ड के दाम में लगातार गिरावट देखने को मिल रही है. 5 नवंबर के बाद से सोने की कीमत में 4.44 फीसदी की गिरावट देखी जा चुकी है. आंकड़ों को देखें तो 5 नवंबर को बाजार बंद होने के बाद सोने की कीमत 78,507 रुपए प्रति दस ग्राम थे. तब से अब तक गोल्ड की कीमत में करीब 3,500 रुपए की गिरावट देखने को मिल चुकी है. जिसकी वजह से मंगलवार को गोल्ड की कीमत एमसीएक्स 75,020 रुपए प्रति 10 ग्राम के दिन के लोअर लेवल पर पहुंच गई. वैसे मौजूदा समय यानी दोपहर 12 बजकर 30 मिनट पर गोल्ड की कीमत 239 रुपए की गिरावट के साथ 75,112 रुपए प्रति दस ग्राम पर कारोबार कर रहा है. जबकि आज सुबह गोल्ड 75,541 रुपए के साथ ओपन हुआ थात्र. एक दिन पहले बाजार बंद होने के बाद गोल्ड की कीमत 75,351 रुपए प्रति दस ग्राम पर था. जानकारों की मानें तो सोने की कीमत में आने वाले दिनों में और भी गिरावट देखने को मिल सकती है.

5 नवंबर के बाद 137 डॉलर की कमी
वहीं दूसरी ओर इंटरनेशनल मार्केट में गोल्ड की कीमत 5 फीसदी तक कम हो चुकी है. खासकर 5 नवंबर के बाद से. न्यूयॉर्क के कॉमेक्स मार्केट में गोल्ड फ्यूचर की कीमत में बड़ी गिरावट देखी जा चुकी है. आंकड़ों के अनुसार 5 नवंबर को बाजार बंद होने के बाद गोल्ड के दाम करीब 2750 रुपए देखने को मिली थी. तब से अब तक इसमें 137 डॉलर की गिरारवट देखी जा चुकी है. इसका मतलब है कि करीब 5 फीसदी की गिरावट देखने को मिल चुकी है. मौजूदा समय में गोल्ड के दाम में करीब 4 डॉलर की मामूली गिरावट देखने को मिल रही है और दाम 2,614.35 डॉलर प्रति ओंस पर कारोबार कर रही है. जबकि कारोबारी सत्र के दौरान गोल्ड फ्यूचर 2,610 डॉलर प्रति ओंस के लेवल पर पहुंच गई थी. जानकारों की मानें तो गोल्ड के दाम में और गिरावट आना अभी बाकी है.

डोनाल्ड ट्रंप की जीत के बाद डॉलर में आई मजबूती
गोल्ड की कीमतों का सबसे बड़ा दुश्मन डॉलर बना हुआ है. जैसा कि माना जा रहा था कि डोनाल्ड ट्रंप की जीत के बाद डॉलर को मजबूती मिलती हुई दिखाई देगी. ऐसा ही देखने को मिला है. बीते 5 कारोबारी दिनों में डॉलर इंडेक्स में 2.21 फीसदी की बढ़ोतरी देखने को मिल चुकी है. ऐसे में आप अंदाजा लगा सकते है कि ट्रंप की जीत का असर डॉलर पर किस तरह का देखने को मिला है. आने वाले दिनों में इसे और भी ज्यादा मजबूती मिलती हुई दिखाई दे सकती है. अगर बात आज यानी मौजूदा समय की करें तो डॉलर इंडेक्स 105.71 के लेवल पर कारोबार करता हुआ दिखाई दे रहा है, कारोबारी सत्र के दौरान इंडेक्स 105.75 के लेवल पर पहुंच गया था. ऐसे में अनुमान है कि जल्द ही डॉलर इंडेक्स अपने 52 हफ्तों के हाई के लेवल को भी पार कर सकता है. जोकि 106.52 है.

साल के अंत तक डॉलर इंडेक्स 107 तक पहुंच सकता है
अधिकतर एक्सपर्ट का मानना है कि साल के अंत तक डॉलर इंडेक्स 107 के लेवल पर पहुंच सकता है. जिसकी वजह से गोल्ड की कीमतों में और दबाव देखने को मिल सकता है. अगर डॉलर इंडेक्स 107 के लेवल पर गया तो इंटरनेशनल मार्केट में गोल्ड के दाम 2400 से 2300 डॉलर पर भी जा सकते हैं. जिसकी वजह से भारत के एमसीएक्स पर गोल्ड की कीमत 70 हजार रुपए तक लेवल पर भी पहुंच सकती हैं. एचडीएफसी सिक्योरिटीज में करेंसी कमोडिटी के हेड अनुज गुप्ता ने कहा कि गोल्ड की कीमत में लगातार गिरावट का कारण डॉलर इंडेक्स और डिमांड में कमी है. ऐसे आने वाले दिनों में डॉलर इंडेक्स में नजर रहेगी.

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