फरवरी में भोपाल में ग्लोबल इन्वेस्टर समिट, इसके पूर्व विदेश जाएंगे यादव
भाेपाल, मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने कहा है कि राज्य में देश विदेश से निवेश आमंत्रित करने के साथ ही औद्योगिक विकास के प्रयास सतत जारी हैं और इसी क्रम में यहां पर आगामी फरवरी माह में “ग्लोबल इंवेस्टर समिट” का आयोजन होगा। इसके पहले वे स्वयं इंग्लैंड और जर्मनी की यात्रा कर निवेशकों को आमंत्रित करेंगे।
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार डॉ यादव ने निवेश संबंधी एक संदेश में कहा है कि प्रदेश में निरंतर नया निवेश आ रहा है, इसलिए मध्यप्रदेश तेजी से आगे बढ़ेगा। प्रदेश में “रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव” का क्रम जारी है। दिसंबर माह में नर्मदापुरम के बाद शहडोल में भी ‘संभाग स्तरीय कॉन्क्लेव’ का आयोजन होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी कॉन्क्लेव रीजनल होने के बाद भी प्रादेशिक और राष्ट्रीय महत्व के हैं। फरवरी माह में ‘ग्लोबल इन्वेस्टर समिट’ का आयोजन होगा, जिसके लिए इंग्लैंड और जर्मनी यात्रा में वे स्वयं निवेशकों को आमंत्रित करने का कार्य करेंगे।
डॉ.यादव ने कहा कि ‘ग्लोबल इंवेस्टर समिट’ के पहले रीजनल कॉन्क्लेव का आयोजन हर संभाग स्तर पर हो, यह सुनिश्चित किया जा रहा है। हमें इस बात का गर्व है कि हमारे हर संभाग में चाहे ग्वालियर हो, सागर हो, रीवा हो, जबलपुर हो, उज्जैन हो, हर जगह कॉन्क्लेव सफल रही। प्रदेश में बड़े पैमाने पर निवेश आ रहा है। कम्पनियां बड़े पैमाने पर रोजगार देने को तैयार हैं। ‘आई टी’ पार्क के लिए निवेश आ रहा है। ‘एमएसएमई’ के लिए भी निवेश आ रहा है। प्रदेश में ‘हेवी इन्डस्ट्री’ के लिए निवेश आ रहा है।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि ऊर्जा और अन्य क्षेत्रों के लिए आ रहा निवेश भी महत्वपूर्ण है। इन सब ‘सेक्टर्स’ में लगभग तीन लाख करोड़ रुपए का निवेश आ रहा है। ऐसी स्थिति में मध्यप्रदेश तो आगे बढ़ेगा। डॉ यादव ने कहा कि सरकार बनने के बाद हमने तय किया कि वह रोजगार परक उद्योग के साथ ‘जीडीपी’ भी बढ़ाएं और लोगों को अधिक से अधिक रोजगार उपलब्ध कराएं। इस सिलसिले में इंग्लैंड और जर्मनी की यात्रा में निश्चित ही लाभ मिलेगा।
निवेश संबंधी आयोजनाें और मुख्यमंत्री की विदेश प्रस्तावित विदेश यात्रा को लेकर विपक्षी नेताओं की बयानबाजी के संदर्भ में डॉ यादव ने कहा, “हम तो यह चाहेंगे कि विपक्ष भी सकारात्मक भूमिका निभाए। विपक्ष अपने इन्वेस्टर्स को लेकर आए। मध्यप्रदेश का भला इसी में है कि हम पक्ष-विपक्ष से बाहर आएं।”