इंदौर में शराब कारोबारियों में गैंगवार की आशंका
इंदौर । शराब तस्करी को लेकर दो शराब ठेकेदार आमने-सामने हैं। बुधवार रात बड़ा विवाद होते-होते बच गया। विजयनगर इलाके में पुलिस तैनात करनी पड़ी। गैंगवार की आशंका से इंटेलिजेंस भी हरकत में आ गया है। इस बारे में मुख्यमंत्री निवास तक रिपोर्ट पहुंची है। विवाद की असल वजह गुजरात भेजे जाने वाली अवैध शराब है। एरोड्रम थाना पुलिस ने बुधवार को ही 20 लाख रुपये की शराब पकड़ी थी। ठेकेदार सूरज रजक गुस्से में ठेकेदार एके सिंह के घर जा पहुंचा। आरोप लगाया कि सिंह उसे तस्करी में फंसाना चाहता है।
सूरज भाजपा विधायक रमेश मेंदोला का करीबी है जबकि एके सिंह को विधायक उषा ठाकुर राखी बांधती हैं। कारों का काफिला लेकर पहुंचे सूरज ने एके सिंह को काल कर कहा कि वह घर आया है और इसी मुद्दे पर बात करना है। इसी बीच पुलिस आयुक्त राकेश गुप्ता को खबर मिली और टीआइ सीबी सिंह व एसीपी कृष्ण लालचंदानी को बल लेकर भेजना पड़ा। रातभर पुलिस को अलर्ट रखा गया। हालांकि गुरुवार दोपहर विधायक ने हस्तक्षेप किया और दोनों पक्षों की बैठक करवाई। तय हुआ कि कोई भी एक दूसरे का नुकसान नहीं करेगा। तीन साल पूर्व भी विजय नगर में शराब ठेकों को लेकर गैंगवार हो चुका है। सिंडीकेट के आफिस में गैंगस्टर सतीश भाऊ ने एक अन्य ठेकेदार पर गोली चलाई थी। उस वक्त भी एके सिंह का नाम गैंगवार से जोड़ा गया था।
धार और झाबुआ के शराब ठेकों से पड़ी दरार
विवाद की शुरुआत डेढ़ महीने पूर्व हुई है। ठेकेदार सूरज ने धार जिले में एंट्री की और जमीन व्यवसायी अनूप कटारिया, नन्नेसिंह, रमेश राय के साथ ठेके ले लिए। इस क्षेत्र में एके सिंह का एकाधिकार था। सिंह ने पिंटू, रिंकू, अल्केश के साथ झाबुआ और आलीराजपुर में ठेके बढ़ा लिए। सूत्रों के अनुसार, अहमदाबाद (गुजरात) शराब सप्लाई को लेकर दोनों गुटों में विवाद शुरू हो गया और एक-दूसरे की गाड़ियां पकड़वाने लग गए। आबकारी अधिकारी भी इस लड़ाई में शामिल हो गए।