हमर छत्तीसगढ़

किसानों को गुणवत्तापूर्ण खाद-बीज की उपलब्धता सुनिश्चित हो: रामविचार नेताम

रायपुर. कृषि विकास एवं किसान कल्याण मंत्री रामविचार नेताम ने मंत्रालय महानदी भवन में कृषि एवं संबंधित विभागों के आला अधिकारियों की बैठक लेकर खरीफ 2024-25 की तैयारियों की गहन समीक्षा की। मंत्री श्री नेताम ने अधिकारियों को गुणवत्तापूर्ण खाद एवं प्रमाणित बीज एवं अन्य कृषि आदानों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि किसानों को उनकी डिमांड के अनुरूप खाद-बीज की आपूर्ति सुनिश्चित करना विभागीय अधिकारियों की जिम्मेदारी है। इसमें किसी भी तरह की लापरवाही नहीं होनी चाहिए। उन्होंने अधिकारियों को निरंतर अपने-अपने इलाको का दौरा कर खाद-बीज के भण्डारण एवं उठाव पर निगरानी रखने के साथ ही इनकी गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए सैम्पलिंग और जांच पड़ताल जारी रखने के निर्देश दिए।  

बैठक में कृषि उत्पादन आयुक्त शहला निगार ने जानकारी दी कि पिछले खरीफ विपणन वर्ष 2023 में सहकारिता क्षेत्र में समग्र रुप से 4.62 लाख क्विंटल बीज का वितरण किया गया था। चालू खरीफ वर्ष 2024 में सहकारी क्षेत्र में 5.44 लाख क्विंटल बीज मांग का आंकलन किया गया है। वर्तमान में बीज निगम के पास कुल 6.31 लाख क्विंटल बीज उपलब्ध है, जो मांग का 116 प्रतिशत है। 10 जून की स्थिति में कुल 4.16 लाख क्विंटल बीज का भण्डारण विभिन्न सहकारी सोसाटियो में किया गया है, जो मांग लगभग 76 प्रतिशत है।   कृषकों द्वारा अभी तक 2.41 लाख क्विंटल बीज का उठाव किया जा चुका है, जो विगत वर्ष की इसी अवधि में हुए उठाव 1.64 लाख क्विंटल की तुलना में 47 प्रतिशत अधिक है।

बैठक में श्रीमती निगार ने बताया कि सहकारी क्षेत्र में उर्वरक का वर्तमान भण्डारण   6.20 लाख टन है, जो मांग का 72 प्रतिशत है। कृषकों ने अब तक 3.29 लाख टन खाद का उठाव किया है। जो मांग का 38 प्रतिशत है।

मंत्री श्री नेताम ने बीज एवं उर्वरक के भंडारण की स्थिति पर संतोष व्यक्त करते हुए कहा कि संपूर्ण खरीफ सीजन में भण्डारण की इस गति को बरकरार रखा जाए, ताकि आपूर्ति बाधित न होने पाए। मंत्री श्री नेताम ने अधिकारियों को भारत सरकार के कृषि एवं रासायन मंत्रालय एवं उर्वरक प्रदाय कंपनियों से निरंतर समन्वय बनाये रखने के निर्देश दिए। उन्होंने नैनो फर्टिलाईजर को बढ़ावा देने, सीमावर्ती जिलों में उर्वरक परिवहन पर निगरानी रखने के भी निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने अपेक्स बैंक के अधिकारियों से कहा कि समितियों में भण्डारण क्षमता का आंकलन कर लिया जाए, यदि भण्डारण हेतु अतिरिक्त गोदाम की आवश्यकता हो तो इसका प्रस्ताव तत्काल उपलब्ध कराया जाए। बैठक में संचालक कृषि डॉ सारांश मित्तर, मार्कफेड, बीज निगम, अपेक्स बैंक, इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के अधिकारियों सहित कृषि और उद्यानिकी विभाग के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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