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सुरंग में फंसे 41 मजदूरों को निकालने के मशीन भले ही फेल हो गई है, लेकिन इंसानी जज्बे से अभियान जारी

उत्तरकाशी. उत्तरकाशी के सिलक्यारा सुरंग में फंसे 41 मजदूरों को निकालने के लिए हर मुमकिन कोशिश की जा रही है। 17 दिन से जिंदगी की जंग लड़ रहे मजदूरों को निकालने के मिशन में मशीन भले ही फेल हो गई है, लेकिन इंसानी जज्बे के सामने कोई भी चुनौती मुश्किल नहीं। ऑगर मशीन को निकालने जाने के बाद सोमवार रात से मैनुअल ड्रिलिंग की जा रही है। न्यूज एजेंसी एएनआई ने इसका एक वीडियो भी जारी किया है, जिसमें कुछ मजदूर पाइप से मलबा निकालते दिख रहे हैं। 41 जिंदगियों को बचाने का उनका जज्बा ऐसा है कि हाथ को किसी मशीन से ज्यादा तेज चला रहे हैं। 

ऑगर मशीन के फेल हो जाने के बाद रैट माइनिंग के कुछ एक्सपर्ट को सिलक्यारा टनल में बुलाया गया है, जिन्हें रैट माइनर्स भी कहा जाता है। चूहे की तरह तेजी से कहीं खुदाई करने और सुरंग बनाने में माहिर होने की वजह से इन्हें यह नाम दिया गया है। सोमवार को ऑगर मशीन के टूटे हिस्सों को निकालने के बाद इन्होंने अपना काम शुरू किया। सुबह तक इन्होंने काफी तेजी से काम करते हुए करीब 4-5 मीटर की खुदाई की। अब 5-6 मीटर और खुदाई का काम ही बच गया है।

राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी लगातार राहत और बचाव कार्य पर नजर बनाए हुए हैं। सुबह एक बार फिर टनल में जाकर प्रगति देखी और उन्होंने भरोसा जताया कि जल्द ही मजदूर अब बाहर निकल आएंगे। मुख्यमंत्री ने कहा, लगभग 52 मीटर पाइप अंदर जा चुका है, लगभग 57 मीटर तक पाइप को अंदर धकेलना है। इसके बाद एक पाइप और लगेगा…पहले स्टील आदि मिल रहा था, जो अब कम हो गया है। अब सीमेंट का कंक्रीट मिल रहा है जिसे कटर से काट रहे हैं।’

इसी तरह सुरंग के ऊपर से वर्टिकल ड्रिलिंग चल रही है। ऊपर से मजदूरों तक पहुंचने के लिए 86 मीटर की खुदाई की आवश्यकता है। इसमें से करीब 36 मीटर की खुदाई हो चुकी है। मजदूरों को निकालने के लिए अब एक साथ पांच तरीके से प्रयास किया जा रहा है। देशभर में प्रार्थना और दुआओं का दौर भी जारी है।

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