हमर छत्तीसगढ़

आश्रम – छात्रावासों में बच्चों के रहने पढ़ने का बेहतर माहौल करें सुनिश्चित – कलेक्टर श्री अग्रवाल

  • परिसर में सफाई सफाई, बच्चों का स्वास्थ्य जांच एवं गुणवत्ता पूर्ण खाद्य सामग्रियों का करें उपयोग
  • आदर्श छात्रावास के लिए होगा प्रतियोगिता, 26 जनवरी को किया जाएगा पुरस्कृत
  • कलेक्टर ने आश्रम-छात्रावास अधीक्षकों की बैठक में दिए निर्देश

गरियाबंद. कलेक्टर श्री दीपक अग्रवाल ने आज कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में जिले के आश्रम एवं छात्रावास अधीक्षकों की बैठक ली। उन्होंने आश्रम – छात्रावासों में बच्चों के लिए सभी आवश्यक सुविधाएं सुनिश्चित करते हुए उनके रहने और पढ़ने का बेहतर माहौल सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने अधीक्षकों को छात्रावास में स्वयं सभ्य, मृदुशील एवं आकर्षक व्यक्तित्व के साथ रहने के निर्देश दिए, जिससे बच्चों पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। बच्चे सभ्य जीवन शैली के लिए प्रेरित होंगे। उन्होंने कहा कि आश्रम-छात्रावासों में बच्चों के बेहतर भविष्य के निर्माण के लिए अधीक्षकगण समर्पित भाव से रूचि लेकर कार्य करें। समय सारणी बनाकर उनका अनुपालन सुनिश्चित करवाएं। कलेक्टर ने कहा की आदर्श छात्रावास के लिए प्रतियोगिता का आयोजन किया जाएगा। बेहतर प्रदर्शन करने वाले छात्रावास को 26 जनवरी को पुरस्कृत किया जाएगा। उन्होंने सभी सुविधाओं को बेहतर कर आदर्श छात्रावास प्रतियोगिता में शामिल होने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने बैठक में कहा कि छात्रावास में सफाई सफाई व्यवस्था बनाएं रखे। सभी कमरों के अलावा परिसर को भी स्वच्छ रखे। बरसात के मौसम के मद्देनजर परिसर में जल भराव न होने दे। जिससे मच्छर, मक्खी एवं गंदगी का खतरा नहीं रहेगा। मौसमी बीमारियों से बचाव के लिए बच्चों का नियमित स्वास्थ्य जांच कराएं। आवश्यकतानुसार मलेरिया जांच एवं दवाइयों का वितरण कराएं। साथ ही छात्रावासों में गुणवत्ता पूर्ण खाद्य सामग्रियों का उपयोग करें। कलेक्टर ने खाद्य पदार्थों का व्यवस्थित भंडारण भी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। इस दौरान बैठक में सहायक आयुक्त आदिवासी विकास विभाग श्री नवीन भगत सहित सहायक संचालक, मंडल संयोजक एवं आश्रम छात्रावासों के अधीक्षक गण मौजूद रहे।

       बैठक में कलेक्टर श्री अग्रवाल ने कहा कि बच्चों के बेहतर विकास के लिए छात्रावासों में शासन द्वारा सभी बुनियादी सुविधाएं मुहैया कराई जा रही है। उन्होंने अधीक्षकों से छात्रावास में पर्याप्त भवन, बिजली, पानी, शौचालय, भोजन, बेड, गद्दा एवं अन्य आवश्यक सामग्रियों की जानकारी ली। उन्होंने
बच्चों को मीनु के अनुसार ताजा और गरम भोजन देने के लिए कहा। इसके अलावा  छात्रावास आश्रमों के रखरखाव, शिष्यवृत्ति, खाद्यान्न भंडारण एवं रखरखाव के संबंध में जानकारी लेकर सभी व्यवस्थाएं दुरुस्त रखने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने सभी कन्या आश्रमों में सुरक्षा की दृष्टि से महिला सुरक्षा कर्मचारी की नियुक्ति, चौकीदार एवं अहाता निर्माण की जानकारी ली। उन्होंने भवनों की स्थिति, मरम्मत की आवश्यकता एवं रंग रोगन की जानकारी ली। कलेक्टर ने छात्रावास परिसर में जर्जर भवनों का उपयोग नही करने एवं नियमानुसार उन्हें डिस्मेंटल कराने के निर्देश दिए। उन्होंने छात्रावास में पढ़ाई लिखाई के साथ खेलकूद एवं अन्य उपयोगी गतिविधियों की सुविधाओं के बारे में भी जानकारी ली। साथ ही परिसर के खाली जगहों पर वृक्षारोपण एवं बागवानी अंतर्गत फलदार पौधों का रोपण करने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने आश्रम छात्रावासों में बच्चों के परिजनों को ही नियमानुसार बच्चों से मिलने देने एवं बाहरी व्यक्तियों को प्रवेश नही देने के भी निर्देश दिए।

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