आठवें वेतन आयोग, महाकुंभ हादसा, 70+ बुजुर्गों को आयुष्मान
18वीं लोकसभा का पहला बजट सत्र आज से शुरू हो गया है। बजट सत्र की शुरुआत राष्ट्रपति के अभिभाषण से हो गई है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू संसद के दोनों सदनों लोकसभा और राज्यसभा के जॉइंट सेशन को संबोधित किया। राष्ट्रपति मुर्मू ने अभिभाषण की शुरुआत महाकुंभ हादसे में दुख व्यक्त करते हुए की। उन्होंने कहा- माननीय सदस्यों इस वक्त महाकुंभ भी चल रहा है। वहां हुए हादसे पर दुख प्रकट करती हूं।
राष्ट्रपति ने त्रिभुवन सहकारी विश्वविद्यालय की स्थापना से लेकर मुफ्त राशन तक का जिक्र किया और कहा कि गरीबों को सम्मान के साथ जीने का अवसर मिला। मध्यम वर्ग के सपनों को भी उड़ान मिली है। भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने जा रहा है। सरकार का मंत्र है- सबका साथ, सबका विकास का लाभ अंतिम व्यक्ति तक पहुंच रहा है। राष्ट्रपति ने आगे कहा कि सरकार का लक्ष्य विकसित भारत बनाना है। देश में 25 करोड़ आबादी को गरीबी रेखा से ऊपर लाया गया है। 75 साल से अधिक उम्र के लोगों, जिन्हें केवल पेंशन मिलती है, आयकर दाखिल करने के संबंध में उनको खुद निर्णय लेने का अधिकार दिया गया है। आठवें वेतन आयोग के गठन का फैसला लिया गया है। घर के लोन पर सब्सिडी दी जा रही है।महिलाओं को सशक्त बनाने का प्रयास जारी है। हमारी सरकार वीमेन लेड डेवलपमेंट पर विश्वास करती है।
राष्ट्रपति ने स्टार्टअप इंडिया से डिजिटल इंडिया तक, योजनाओं का जिक्र कर रोजगार के अवसर भी गिनाए। साथ ही कहा कि एक करोड़ युवाओं के लिए इंटर्नशिप की व्यवस्था से युवाओं को काम करने का अनुभव प्राप्त होगा।संसद की संयुक्त बैठक को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा, “विकसित भारत के निर्माण में किसान, जवान और विज्ञान के साथ ही अनुसंधान का बहुत अहम रोल होता है। हमारा लक्ष्य भारत को ग्लोबल पावर हाउस बनाना है। देश के शिक्षण संस्थानों में अनुसंधान को बढ़ावा देने के लिए 50 हजार करोड़ की लागत से अनुसंधान नेशनल रिसर्च फाउंडेशन स्थापित किया गया है।