हमर छत्तीसगढ़

DMF घोटाले की जांच में ईडी का छापा, करोड़ों की नकदी जब्त

रायपुर । केंद्रीय एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र में जिला खनिज निधि (डीएमएफ) घोटाले की जांच के तहत चार स्थानों पर छापेमारी की है। यह छापेमारी 9-10 अगस्त को की गई, जिसमें 1.11 करोड़ रुपये की नकदी और बैंक बैलेंस जब्त और फ्रीज किया गया। छापे की इस कार्रवाई को गोपनीय रखा गया था, जिसे बाद में ईडी ने अपने बयान के माध्यम से सार्वजनिक किया।

ईडी के बयान के अनुसार, इस जांच की शुरुआत छत्तीसगढ़ पुलिस द्वारा भारतीय दंड संहिता, 1860 की विभिन्न धाराओं के तहत दर्ज तीन अलग-अलग एफआईआर के आधार पर की गई थी। इन मामलों में राज्य सरकार के अधिकारियों और राजनीतिक अधिकारियों की मिलीभगत से डीएमएफ ठेकेदारों द्वारा सरकारी खजाने से धन की हेराफेरी का आरोप है। डीएमएफ, खननकर्ताओं द्वारा वित्त पोषित एक ट्रस्ट है, जिसका उद्देश्य खनन से प्रभावित क्षेत्रों में परियोजनाओं के माध्यम से स्थानीय लोगों को लाभ पहुंचाना है।

ईडी की जांच में खुलासा हुआ कि ठेकेदारों ने अनुबंध मूल्य का 25% से 40% तक कमीशन या अवैध परितोषण के रूप में अधिकारियों और राजनीतिक अधिकारियों को भुगतान किया। इन रिश्वतों के भुगतान के लिए नकदी की व्यवस्था आवास प्रविष्टियों के माध्यम से की गई थी। इस दौरान, जांच एजेंसी ने प्रवेश प्रदाताओं और उनके संरक्षकों के ठिकानों पर तलाशी ली, जिसमें आपत्तिजनक दस्तावेज, फर्जी स्वामित्व इकाइयां, और भारी मात्रा में नकदी बरामद हुई।

तलाशी अभियान के परिणामस्वरूप, 76.50 लाख रुपये की नकदी जब्त की गई, जबकि 8 बैंक खातों को फ्रीज कर दिया गया है, जिनमें लगभग 35 लाख रुपये जमा हैं। इसके अलावा, कई टिकटें, अन्य आपत्तिजनक दस्तावेज, और डिजिटल उपकरण भी ईडी ने अपने कब्जे में लिए हैं।

ईडी की इस कार्रवाई से घोटाले से जुड़े और भी नए खुलासे होने की उम्मीद है, जिससे छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र में डीएमएफ के धन के दुरुपयोग के मामले में और भी आरोपियों की गिरफ्तारी हो सकती है।

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