सुबह पेट साफ करने में इस वजह से आती है दिक्कत, जानिए कब्ज से निपटने के लिए क्या करें
खान पान का समय सही नहीं होगा तो पाचन धीमा हो सकता है, जिससे पेट खाली करने में कठिनाई होती है।वैसे तो पेट का साफ ना होना एक कॉमन समस्या है। लेकिन अगर इसे गंभीर तरीके से ना लिया जाए तो समस्या हो सकती है। यहां हम बता रहे हैं, सुबह पेट साफ करने में क्यों आती दिक्कत, जानिए कब्ज से निपटने के लिए क्या करें-
क्यों सुबह पेट साफ नहीं होता?
– कम पानी पीना और बहुत भारी खाना
– बहुत ज्यादा पेट भर के खाना
– खाना पूरी तरह पचने से पहले फिर से खाना
क्यों हो जाती है कब्ज की समस्या
1) शौच करने की इच्छा को नजरअंदाज करना
जब आप शौच करने की अपनी इच्छा को रोकते हैं, तो आप अपने मल को कोलन में वापस धकेल रहे होते हैं। जिससे वह ज्यादा कठोर और ड्राई हो जाता है।
2) सूखे या ठंडे खाने की चीजों को खाना
कोई भी ऐसा खाना जिसे खाने के बाद आपको प्यास लगती है उसे सूखा खाना कहा जाता है। क्योंकि ये आपके शरीर को उन खाने की चीजों को पचाने के लिए ज्यादा पानी की जरूरत होती है। ठंडे खाने की चीज जमी हुई होती हैं, जिनका तापमान कमरे के तापमान से कम होता है।
स्ट्रेस आपकी नींद में परेशानी कर सकता है और अनियमित नींद का पैटर्न सीधे आपके पाचन को प्रभावित करता है, जिससे आपको कब्ज हो सकती है।
अनियमित स्लीप साइकिल न केवल आपको कब्ज से प्रभावित करती है, बल्कि इससे आपके चहरे पर मुंहासे, दाने आदि की समस्या हो सकती है।
कब्ज से निपटने के लिए क्या करें
जब आप सुबह उठें तो उठने के बाद दो ग्लास गुनगुना पानी पीएं। इस पानी को पीते समय मलासन में बैठें। ऐसा करने से पेट तुरंत साफ होता है।
करें ये योगासन
1) ताड़ासन
इसे करने के लिए जमीन पर सीधे खड़े हो जाएं फिर हाथों को ऊपर की तरफ स्टैच करें। इसे दौरान पांव की उंगलियों पर खड़े हों और उन्हें भी स्ट्रेस करें। इसे करें और सेम पॉजिशन को 5 मिनट के रोकें।
2) त्रियक ताड़ासन
इस आसन को ताड़ासन की तरह ही करना है। बस इतना करना है कि हाथों को स्ट्रेच करने क बाद दोनों तरफ झुकें। इस आसन को करते समय दोनों तरफ 5 मिनट के लिए आसन को होल्ड करें।
3) कटि चक्रासन
कटि चक्रासन रीढ़ की हड्डी को मोड़कर खड़ा होने वाला एक सरल आसन है। इसे करने के लिए पैरों को जोड़ कर सीधे खड़े हो जाएं। अपने हाथों और कन्धों की दूरी समान रखें। फिर सांस अंदर लेते हुए, हथेलियां एक दुसरे के सामने रखें। हाथों को अपने सामने, श्वास छोड़ते हुए इस आसन को दोनों तरफ घुमते हुए दोहराएं।