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भारत-पाक के बीच सीधे बातचीत, भारत ने तीसरे देश की भूमिका से साफ मना किया

नई दिल्ली/इस्लामाबाद: भारत और पाकिस्तान के बीच सैन्य स्तर की एक अहम बातचीत आज होने जा रही है। दोनों देशों के डायरेक्टर जनरल मिलिट्री ऑपरेशंस (DGMO) के बीच सोमवार, 12 बजे आधिकारिक वार्ता तय की गई है। यह बातचीत ऐसे समय में हो रही है जब दोनों देशों के बीच सीमा पर तनाव और सीजफायर उल्लंघनों को लेकर चिंता बनी हुई है।

रविवार को न्यूज एजेंसी ANI ने सूत्रों के हवाले से जानकारी दी कि भारत ने साफ कर दिया है कि अब पाकिस्तान से कोई भी सैन्य संवाद केवल DGMO स्तर पर ही होगा। भारत ने यह भी स्पष्ट किया कि इस प्रक्रिया में कोई तीसरा देश मध्यस्थ के रूप में शामिल नहीं होगा। यानी भारत सीधे संवाद को तरजीह दे रहा है और किसी बाहरी हस्तक्षेप को स्वीकार नहीं करेगा।

बातचीत में किसी तीसरे देश का हस्तक्षेप नहीं
इस बातचीत में सीमा पर शांति बहाल करने, संघर्ष विराम के पालन और विश्वास बहाली के उपायों पर चर्चा होने की संभावना है। भारत का रुख स्पष्ट है पाकिस्तान को पहले खुद जिम्मेदारी दिखानी होगी, तभी किसी भी आगे की प्रक्रिया पर विचार किया जाएगा।

इस बातचीत से क्या हल निकलने की संभावना
विशेषज्ञों का मानना है कि DGMO स्तर की यह बातचीत अगर सकारात्मक रही, तो सीमा पर लगातार हो रहे संघर्ष विराम उल्लंघनों में कमी आ सकती है। साथ ही, यह दोनों देशों के बीच अहम और निर्णायक साबित हो सकती है।

दशकों बाद यह भारत-पाक के बीच यह तनाव उच्चतम स्तर पर पहुंचा
गौरतलब है कि भारत और पाकिस्तान के बीच यह तनाव दशकों में सबसे उच्चतम स्तर पर है। पहलगाम के घटना के बाद मामला बढ़ा फिर दोनो देशों ने एक सीजफायर समझौता हुआ था, जिसके तहत दोनों पक्षों ने नियंत्रण रेखा पर गोलीबारी न करने का वादा किया था। हालांकि तुरंत इसका कई बार उल्लंघन भी देखा गया। यदि आज की बात चीत होती है तो यह बातचीत बताती है कि दोनों देश तनाव कम करने और शांति कायम रखने के लिए एक बार फिर से बातचीत की मेज पर लौट रहे हैं।

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