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देवउठनी एकादशी कल, 5 माह बाद जागेंगे देव, चारों तरफ सुनाई देगी शहनाईयों की गूंज

रायपुर। इस बार पांच महीने बाद गुरुवार को देवउठनी एकादशी पर भगवान विष्णु योगनिद्रा से जागृत होंगे। इसके साथ ही शुभ मुहूर्त का इंतजार खत्म होने जा रहा है और इसके साथ ही चारों तरफ शहनाइयों की गूंज सुनाई देनी शुरु हो जाएगी। होगी। इस बार अधिकमास होने के कारण एक महीने देरी से देव जागृत हो रहे हैं इसलिए लोगों को देवउठनी एकादशी आने का इंतजार करना पड़ा। ऐसी मान्यता है कि इसी तिथि पर जगत के पालनहार भगवान विष्णु योगनिद्रा से जागृत होते हैं और साधु-संतों का चातुर्मास भी समाप्त होता है।

देवउठनी एकादशी पर दो शुभ योग बन रहे हैं जिसमें सर्वार्थ सिद्धि योग और रवि योग में रात 8.46 बजे से माता तुलसी के विवाह की धूम घर-घर में होगी। देवउठनी एकादशी से मांगलिक कार्यों के लिए शुभ मुहूर्त शुरू हो रहे हैं। देव तिथि होने से इस दिन कई परिवारों में शादियां होंगी क्योंकि पहले से मंगल भवन बुक किए जा चुके हैं। इसलिए बाजारों में एक बार फिर दिवाली जैसी रौनक रहेगी।इन तारीखों में विवाह के शुभ मुहूर्तइस साल देश भर में 23 नवंबर गुरुवार को देवउठनी एकादशी का पर्व मनाया जाएगा।

लेकिन इसके शुभ मुहूर्त की शुरुआत 22 नवंबर रात 11 बज कर 3 मिनट से ही शुरू हो जाएगी। देवउठनी के साथ ही पिछले पांच महीनो से रुके मांगलिक कार्यों की भी शुरुआत होने जा रही है। आचार्य गोविन्द दुबे ने बताया, इस वर्ष और 2024 में विवाह के कई शुभ मुहूर्त हैं। नवंबर 27, 28, 29, दिसंबर 04, 07, 08 जनवरी 16, 18, 20, 21, 22, 30, 31 फरवरी 01, 04, 06, 14, 18, 19, 28 मार्च 02, 03, 04, 05, 06, 07 अप्रैल 18, 21, 22, 23 जुलाई 09, 11।

खरमास के बाद बनेंगे शादी के मुहूर्त

16 दिसंबर से खरमास की शुरुआत हो रही है, जो 14 जनवरी 2024 संक्रांति के दिन समाप्त होगी। इस अवधि में कोई भी शुभ कार्य करना निषेध माना गया है। 14 जनवरी के बाद विवाह के शुभ मुहूर्त मिलेंगे। वहीं 28 अप्रैल से 5 जुलाई तक शुक्र का तारा अस्त होने की वजह से विवाह के मुहूर्त नहीं हैं। 17 जुलाई 2024 को देवशयनी एकादशी के बाद से विवाह नहीं हो सकेंगे।

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