सऊदी अरब के अलावा इन मुसलमान देशों ने खदेड़े पाकिस्तानी भिखारी, 5000 है आंकड़ा; संसद में बताया

रियाद. सऊदी अरब से बीते साल जनवरी से अब तक 5033 पाकिस्तानी भिखारियों को वापस भेजा गया है। यह जानकारी पाकिस्तान की संसद में गृह मंत्री मोहसिन नकवी की ओऱ से दी गई है। उन्होंने कहा कि यह आंकड़ा बीते 16 महीनों का है। यही नहीं उनकी ओर से बताया गया कि सऊदी अरब के अलावा पाकिस्तान से लोग मलयेशिया, इराक, यूएई, ओमान और कतर जैसे देशों में भी भीख के लिए जाते हैं। ये सभी इस्लामिक मुल्क हैं और पाकिस्तान के गरीब तबके के लोगों को लगता है कि यहां भीख मांगकर भी गुजारा किया जा सकता है। सऊदी अरब तो हर साल ही हजारों पाकिस्तानी भिखारियों को वापस भेजता है। उसने पाक सरकार से भी कहा था कि इन्हें रोकने के लिए कदम उठाए।
मंत्री ने बताया कि सऊदी अरब, इराक, मलयेशिया, ओमान, कतर और यूएई से कुल 5402 भिखारियों को वापस भेजा गया है। यह आंकड़ा जनवरी 2024 से अब तक का है। इनमें से 4850 लोगों को सऊदी अरब समेत इन देशों ने 2024 में वापस भेज दिया था। इसके अलावा 552 पाकिस्तानी भिखारियों को इस साल ही लौटाया गया है। जानकारी के मुताबिक पाकिस्तान से गए ज्यादातर भिखारी सऊदी अरब ही जाते हैं। इसकी वजह यह है कि वे वहां मक्का और मदीना के आसपास बैठते हैं। वहां ये दुनिया भर से आने वाले जायरीनों से भीख मांगते हैं। मजहबी यात्रा पर निकले लोग अकसर उन्हें भीख दे भी देते हैं और इसके चलते पाकिस्तान से बड़ी संख्या में लोग भीख मांगने के मकसद से ही पहुंचते रहे हैं, जिस पर सऊदी अऱब ने भी सख्त ऐतराज कई बार जताया है।
पाकिस्तान के इस राज्य से सबसे ज्यादा सऊदी अरब जाते हैं भिखारी
पाकिस्तान की संसद में जो आंकड़ा पेश किया गया है, उसके अनुसार भीख मांगने के लिए जाने वालों में सबसे ज्यादा लोग पाकिस्तान के सिंध प्रांत के हैं। सिंध से अकेले सऊदी अरब जाने वालों की संख्या ही 2,428 है। इसके अलावा पंजाब से 1098 गए और खैबर पख्तूनख्वा से 819 लोग चले गए। बलूचिस्तान से 117 लोग सऊदी अरब गए। यह उन भिखारियों का डेटा है, जिन्हें वापस भेजा गया है। माना जा रहा है कि संख्या और अधिक हो सकती है क्योंकि ऐसे भी लोग है, जो अब भी वहां भीख मांग रहे हैं। पाकिस्तान से लोग इराक जैसे देश में भी भीख मांगने के लिए गए, यह चौंकाने वाला तथ्य है। ऐसा इसलिए क्योंकि इराक खुद ही बुरे हालातों से गुजर रहा है और वहां भी पाकिस्तानियों का भीखना मांगना उनकी बदहाली को बयां करता है।