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सीपीआई (एम) बंगाल में सभी स्तरों पर युवा नेतृत्व की योजना बना रही

कोलकाता । सीपीआई (एम) की युवा शाखा, डेमोक्रेटिक यूथ फेडरेशन ऑफ इंडिया (डीवाईएफआई) द्वारा 7 जनवरी को कोलकाता में आयोजित इंसाफ समावेश (न्याय सभा) की सफलता और भारी भीड़ से प्रेरित होकर, पार्टी नेतृत्व अब नेतृत्व के सभी स्तरों पर नए लोगों को शामिल करने पर जोर दे रहा है।

पार्टी की राज्य समिति के सूत्रों ने कहा कि नेतृत्व के सभी स्तरों पर महत्वपूर्ण कार्यभार युवाओं को देने के अलावा, 30 वर्ष से कम उम्र के व्यक्तियों को पार्टी के सदस्यों के रूप में शामिल करने के लिए विशेष सदस्यता अभियान चलाया जा रहा है।

पार्टी की राज्य समिति के एक वरिष्ठ सदस्य ने कहा कि कमान युवा नेतृत्व को सौंपने के संकेत 7 जनवरी को हुए ‘इंसाफ समावेश’ में थे, जहां युवा नेता मुख्य रूप से मंच पर सबसे आगे थे, जबकि पार्टी के दिग्गजों ने खुद को सीमित रखा था दर्शकों की सीटों पर पीछे।

समिति नेता ने कहा,“विचार सरल है कि जहां भाजपा और तृणमूल कांग्रेस दोनों के खिलाफ मुख्य आंदोलन का नेतृत्व सबसे आगे के युवा नेताओं द्वारा किया जाएगा, वहीं वरिष्ठ और पार्टी नेता आंदोलन को आगे बढ़ाने में उनका मार्गदर्शन करने में संरक्षक की भूमिका निभाएंगे।”

दरअसल पार्टी के दिग्गज नेता और पश्चिम बंगाल में वाम मोर्चा के अध्यक्ष बिमान बोस ने भी हाल ही में कई मौकों पर पार्टी कार्यक्रमों में गति लाने के लिए नेतृत्व के विभिन्न स्तरों पर नए लोगों को प्रोत्साहित करने पर जोर दिया था।

राजनीतिक पर्यवेक्षकों का मानना है कि सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस में “पुराने नेताओं” बनाम “नए चेहरों” के मुद्दे पर अंदरूनी कलह की पृष्ठभूमि में यह घटनाक्रम महत्वपूर्ण है। पार्टी में मतभेद तब सामने आने लगे, जब पिछले साल से जब पार्टी के महासचिव और लोकसभा सदस्य अभिषेक बनर्जी ने नेतृत्व के सभी स्तरों पर ऊपरी आयु सीमा तय करने की अवधारणा पेश की।

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