ऐप आधारित टैक्सी और डिलीवरी सेवा प्रदान कंपनियों को परिचालन करने के लिए लेना होगा लाइसेंस
नई दिल्ली . दिल्ली में ऐप आधारित टैक्सी और डिलीवरी सेवा प्रदान करने वाली कंपनियों को परिचालन करने के लिए लाइसेंस लेना होगा. साथ ही, योजना में ऐप आधारित टैक्सी सेवा प्रदाता कंपनियों पर किराया बढ़ोतरी (सरचार्ज) को लेकर कोई पाबंदी का प्रावधान नहीं किया गया है. सरकार का कहना है कि यात्री सुविधा के हिसाब से वे उचित किराया बढ़ा सकेंगे, जिस पर सरकार की निगरानी रहेगी.
दिल्ली परिवहन विभाग ने बुधवार को ऐसी कंपनियों की निगरानी के लिए दिल्ली मोटर वाहन एग्रीगेटर्स एवं डिलीवरी सेवा प्रदाता योजना की अधिसूचना जारी कर दी है.
90 दिन में लाइसेंस लेना होगा दिल्ली सचिवालय में परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने एग्रीगेटर्स योजना की अधिसूचना की जानकारी देते हुए कहा कि अब दिल्ली में ऐप आधारित टैक्सी सेवा प्रदाता (ओला, उबर), डिलीवरी सेवा प्रदाता (स्विगी, जुमैटो) व ई-कॉमर्स (फ्लिपकार्ट, अमजॉन) जैसी कंपनियों को वाहन परिचालन के लिए लाइसेंस लेना होगा. जिनके पास भी 25 या उससे अधिक वाहन हैं, उन्हें 90 दिनों के भीतर लाइसेंस लेना होगा.