सोशल मीडिया मैनेजमेंट से लेकर पर्सनालिटी डेवलपमेंट तक के लिए कंपनियां हायर कर रहे नेता
भोपाल । मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में विधानसभा चुनाव नजदीक आ चुके हैं। सभी पार्टियों ने टिकट घोषित करना शुरू कर दिए हैं और कम समय के चलते नेता हर छोटे बड़े काम के लिए प्रोफेशनल लोगों को हायर कर रहे हैं। यह लोग सोशल मीडिया मैनेजमेंट, कंटेंट राइटिंग, बूथ मैनेजमेंट, इमेज बिल्डिंग जैसे तमाम काम कर रहे हैं। इस बार के चुनाव में नेता इन सभी कामों के लिए या तो अलग अलग कंपनियां हायर कर रहे हैं या फिर एक ही कंपनी से यह सब काम करवा रहे हैं।
पिछले एक दशक से बतौर राजनीतिक रणनीतिकार कार्य कर रहे नितिन द्विवेदी कहते हैं कि अब डिजिटल मार्केटिंग और सोशल मीडिया मैनेजमेंट भी राजनीतिक रणनीति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन चुका है। नितिन का मानना है कि सेलिब्रिटी, खिलाड़ी, नेता, कॉर्पोरेट या सामाजिक संस्था सभी को पब्लिक रिलेशन की जरूरत है। वैसे तो जनता के वोट हासिल करने के लिए नेता सतत संपर्क में रहते हैं और अपनी छवि चमकाने के लिए हरसंभव प्रयास करते हैं लेकिन चुनाव नजदीक आने पर वे प्रोफेशनल लोगों को भी हायर करते हैं। पिछले एक दशक से पार्टियां और प्रत्याशी अपने स्तर पर कई तरह के रणनीतिकार नियुक्त कर रहे हैं। इन कामों में पढ़े लिखे प्रोफेशनल्स युवा और कंपनियां उनकी मदद कर रही हैं। नितिन का मानना है कि जब चुनाव सिर पर होते हैं तब कई तरह के काम एक साथ किए जाते हैं। ऐसे में यह प्रोफेशनल्स बेहतर तरीके से हर काम को कर पाते हैं।
नितिन बताते हैं कि प्रशान्त किशोर ने भारत में राजनीतिक रणनीति को नया मुकाम दिया है। उन्होंने कांग्रेस, भाजपा समेत कई प्रमुख दलों के लिए काम किया और यह साबित किया कि एक प्रोफेशनल कंपनी चुनावों में किस तरह से बेहतर परिणाम ला सकती है। नितिन ने बताया कि पब्लिक रिलेशन प्रोफेशन के अंदर भी आज बहुत सारे काम शामिल हो गए हैं। इन कामों के माध्यम से किसी व्यक्ति, पार्टी या संस्था की छवि को बेहतर बनाया जाता है।
इन कामों के लिए प्रोफेशनल्स की मदद ले रहे नेता
- मीडिया मैनेजमेंट करना। इसमें मुख्य रूप से प्रेस कॉन्फ्रेंस करना और प्रेस रिलीज बनाना।
- अगर कुछ अप्रिय स्थिति व्यक्ति या संस्था के साथ बनती है तो छवि सुधारने के लिए नई रणनीति बनाना।
- विपक्ष के लोगों द्वारा छवि खराब करने पर उसका जवाब देना और उसकी रोकथाम करना।
- इलेक्शन के समय सर्वे करवाना।
- पार्टियों को कैंडीडेट्स चयन में मदद करना।
- बूथ मैनेजमेंट।
- माइक्रो मैनेजमेंट।
- मेन टू मेन मार्किंग।
- घोषणा पत्र बनाना और योजनाओं की जानकारी आम जनता तक प्रभावी ढंग से पहुंचाना।
- कैंडिडेट का जनता के बीच आचरण बेहतर बनाना।
- सोशल मीडिया और अन्य माध्यमों से ज्यादा से ज्यादा लोगों तक बात पहुंचाना।
- प्रभावी भाषण देने की कला विकसित करना।